
एक्टिंग दुनिया का सबसे टफ टास्क
भोपाल। मप्र नाट्य विद्यालय (एमपीएसडी) में गुरुवार से अभिनेता और वरिष्ठ रंगकर्मी गोविंद नामदेव की रियलिस्टिक एक्टिंग क्लास शुरू हुई। नामदेव अगले दस दिनों तक स्टूडेंट्स को थिएटर की बारिकियों से रू-ब-रू कराएंगे। पहले दिन उन्होंने तीन से पांच मिनट हर स्टूडेंट्स को अपने बारे में बताने का टास्क दिया। उन्होंने स्टूडेंट्स से जाना कि उन्होंने थिएटर को ही क्यों चुना। इस एक्सराइज के माध्यम से उन्होंने स्टूडेंट्स का बॉडी लैंग्वेज, फेस एक्सप्रेशन, भाषा का उच्चारण और शुद्धता को ऑब्जर्व करना था।
उन्होंने स्टूडेंट्स से कहा कि अभिनय दुनिया का सबसे टफ टास्क है। जैसे-जैसे आप जिंदगी जीते हैं वैसे-वैसे अभिनय के आयाम बदलते जाते हैं। एक्टिंग चाहे थिएटर में हो या फिल्म में। भाषा का उच्चारण पर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है। भाषा से ही आप पात्र को अपने अंदर जीते हैं। यदि किसी कैरेक्टर की भाषा उस क्षेत्र से मेल नहीं खाएगी तो दर्शक इसे नकार देगा। उन्होंने स्टूडेंट्स को बताया कि अक्सर थिएटर की पढ़ाई के दौरान स्टूडेंट्स फिल्म में छा जाने का ख्वाब देखने लगते हैं।
थिएटर एक्टर्स का फिल्म इंडस्ट्री में अपना रूतबा रहा है, लेकिन वहां भी थिएटर के अच्छे एक्टर्स को स्ट्रंग्ल करना पड़ता है। एक अच्छे एक्टर की पहचान है कि वह हर कैरेक्टर के अनुसार खुद को ढाल ले। वह कैरेक्टर ही एक्टर की पहचान बन जाती है। इस दौरान गोविंद ने स्टूडेंट्स को प्रोफेशनल थिएटर रंगमंडल के बाद किस तरह से इसमें बदलाव आए उसके बारे में भी बताया। इस दौरान उन्होंने स्टूडेंट्स से अपने संघर्ष, एक्टिंग के दौरान के जद्दोजहद और नाट्य विद्यालय पहुंचने के सफर को साझा किया। वर्कशॉप सुबह 9 से दोपहर डेढ़ बजे तक चलेगी।
बॉडी लैंग्वेज और फेशियल एक्सप्रेशन पर करेंगे काम
नाट्य विद्यालय के निदेशक आलोक चटर्जी ने बताया कि गोविंद नामदेव स्टूडेंट्स को बॉडी लैंग्वेज और फेशियल एक्सप्रेशन से जुड़े टेक्निकल पाइंट्स पर काम करेंगे। इसी के साथ वो स्टूडेंट्स को अभिनय के विभिन्न पक्षों से भी रूबरू कराएंगे।
Published on:
04 Jan 2019 08:47 am
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