
Hazardous Waste Disposal Plants in MP: मध्य प्रदेश में उद्योगों से निकलने वाला खतरनाक अपशिष्ट या हैजार्डस वेस्ट लगातार बढ़ रहा है, जबकि इसके निस्तारण करने के लिए यहां केवल एक ही प्लांट है, इंदौर के पीथमपुर स्थित रामकी एनवायरो की फैक्ट्री। यहीं यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा भी भेजा गया है। जिसके विरोध में जनता सड़क पर है, एक्सपर्ट भी विरोध में उतरे हैं। वहीं अब जल्द ही मध्य प्रदेश में दो नए खतरनाक या हैजार्डस वेस्ट डिस्पोजल प्लांट बनाए जाने की तैयारी है। जानकारी के मुताबिक ये प्लांट एमपी के दो अलग-अलग जिलों में बनाए जाएंगे, जिन्हें दो साल में शुरू कर दिया जाएगा।
उद्योगों से निकलने वाला खतरनाक अपशिष्ट या हैजार्डस वेस्ट डिस्पोज करने के लिए मध्य प्रदेश के दो जिलों में दो प्लांट शुरू किए जाने हैं। इनमें एक प्लांट मंडला जिले के मनेरी में बनाया जाएगा। वहीं दूसरा प्लांट ग्वालियर के मोहना में बनकर तैयार होगा।
इन दोनों प्लांट को बनाने के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने पर्यावरणीय अनुमति दे दी है। ये प्लांट 50 टन क्षमता के होंगे। हालांकि बाद में जरूरत पड़ी तो इनकी क्षमता और बढ़ाई जाएगी। दोनों प्लांट बनने से दूरस्थ क्षेत्र से खतरनाक अपशिष्ट पीथमपुर नहीं लाना पड़ेगा। वहीं परिवहन का खर्च भी बचेगा।
एमपीपीसीबी (MPPCB) ने 107 उद्योगों को खतरनाक अपशिष्ट रीसाइकलिंग के लिए ऑथराइजेशन जारी किया है। 60 उद्योग लैड एसिड बैटरी स्क्रैप, 24 उद्योग यूज्ड ऑयल, वेस्ट ऑयल और 23 उद्योग नॉन फेरस मैटल की रीसाइकिलिंग का कर रहे हैं। तीन सीमेंट कंपनियों की भट्टियों में भी कुछ खतरनाक अपशिष्ट नष्ट किए जा रहे हैं।
Updated on:
06 Jan 2025 10:59 am
Published on:
06 Jan 2025 10:55 am
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