
भोपाल। कामर्स और आर्ट में अपना कॅरियर चुनने वालों को अब विज्ञान के कठिन फार्मूले से मुक्ति मिलेगी। गणित में बेसिक और स्टैण्डर्ड की तरह अब विद्यार्थियों को विज्ञान में भी विकल्प मिल सकता है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) इसकी तैयारी कर रहा है। कक्षा नौंवी से इसकी शुरुआत होगी। यह उन विद्यार्थियों के लिए जो जो भविष्य में विज्ञान या गणित के क्षेत्र में कॅरियर नहीं बनाना चाहते। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नियमों के तहत यह बदलाव हो रहे हैं। सीबीएसई की तर्ज पर माध्यमिक शिक्षा मंडल भी गणित में विकल्प को लागू कर चुका है। ऐसे में अगर सीबीएसई में विज्ञान में विकल्प दिए गए तो प्रदेश के स्कूलों में भी उसकी शुरुआत होगी।
विषय चुनने का यह मुद्दा सहोदय की कान्फ्रेंस में रखा जा चुका है। ये कान्फ्रेंस पश्चिम बंगाल में हुई थी। भोपाल सहोदय के अध्यक्ष चैतन्य सक्सेना के मुताबिक अधिकारिक रूप से अभी कोई सूचना नहीं है। लेकिन सीबीएसई के अधिकारियों ने इस विकल्प को लेकर बात रखी थी।
इसे लागू करने को लेकर अभी कोई समय सीमा नहीं है। नाम न छापने की शर्त पर सीबीएसई के अधिकारी के मुताबिक नई शिक्षा नीति के आधार पर इसका मसौदा तो तैयार हो चुका है लेकिन बेसिक और स्टैण्डर्ड के आधार पर किताबें भी तैयार होगी। ऐसे में लागू करने से पहले तैयारी करनी होगी। इन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम को मंजूरी मिल चुकी है।
सीबीएसई ने गणित का पैटर्न लागू कर दिया है। इसके आधार पर मंडल में भी प्रक्रिया शुरू हो गई। अगले साल से दसवीं में बेसिक और स्टैण्डर्ड विषय होंगे। मंडल इसके आधार पर कोर्स डिजाइन से लेकर परीक्षा पैटर्न पर काम करेगा।
Updated on:
13 Dec 2024 11:22 pm
Published on:
13 Dec 2024 11:21 pm
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