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इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध के बीच भोपाल आए अल-अक्सा मस्जिद के चीफ इमाम

Israel Palestine Conflict : यरूशलम की चर्चित अल-अक्सा मस्जिद के चीफ इमाम शेख अली उमर याकूब अब्बासी राजधानी भोपाल के खानूगांव और एयरपोर्ट इलाके में आयोजित निजी कार्यक्रमों में शामिल होने आए हैं।

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Al Aqsa Masjid Chief Imam

Israel Palestine Conflict : इजराइल और फिलिस्तीन के बीच बीते कई महीनों से भारी तनाव और युद्ध जारी है। त्रासदी की भयावह तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। इस बीच यरूशलम की चर्चित अल-अक्सा मस्जिद के चीफ इमाम शेख अली उमर याकूब अब्बासी भारत के दिल कहे जाने वाले राज्य मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचे। ऐसा पहली बार है कि जब मस्जिद-ए-अक्सा के चीफ इमाम झीलों की नगरी भोपाल अल्प प्रवास पर आए हैं। उनके साथ उनकी पत्नी भी भोपाल आईं हैं। दरअसल, वो शहर के खानूगांव और एयरपोर्ट क्षेत्र में आयोजित निजी कार्यक्रमों में शामिल होने आए हैं।

फिलस्तीनी, अरबी और अंग्रेजी भाषा के जानकार शेख अली उमर याकूब अब्बासी ने भोपाल की मशहूर हस्ती मौलाना युसूफ नदवी के जरिये लोगों से दुभाषिये बातचीत की। शेख अली उमर याकूब अब्बासी को भोपाल का मौसम बेहद पसंद आया। खास बात ये है कि कार्यक्रम में शामिल लोगों ने 24 जुलाई की नमाज ए जोहर भी उन्हीं की इमामत में अदा की। इस दौरान उन्होंने देश-दुनिया की खुशहाली के लिए सामूहिक रूप से दुआ भी मांगी।

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शेख अली उमर याकूब अब्बासी के बारे में खास बातें

बता दें कि, शेख अली उमर याकूब अब्बासी बीते 40 साल से मस्जिद अल-अक्सा के चीफ इमाम हैं। वे अरबी फिलस्तीनी, अरबी, अंग्रेजी समेत कई अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं समेत इस्लाम के विद्वान हैं। उनका तब्लीगी जमात से भी रिश्ता है। चीफ इमाम शेख अली उमर याकूब अब्बासी पहली बार 1998 में भारत आए थे।

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आस्था का बड़ा केंद्र

आपको बता दें कि यरुशलम शहर में स्थित मस्जिद अल-अक्सा का परिसर 35 एकड़ में है। यही वो जगह है जो दुनिया के तीन बड़े धर्मों मुस्लिमों, यहूदियों और ईसाइयों के लिए विशेष आस्था का केंद्र माना जाता है। इस्लामिक नजरिये से इस जगह को बैतूल मुकद्दस (पवित्र स्थल) कहा जाता है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, मक्का शहर में स्थित मस्जिद-ए-हरम (काबा) और मदीना शहर में स्थित मस्जिद-ए-नबवी के बाद मस्जिद अल अक्सा को महत्वपूर्व स्थल माना जाता है। इसका बड़ा कारण पैगम्बर हजरत मोहम्मद (स.अ.व.) साहब हैं। क्योंकि पैगम्बर साहब यहां से ही रब से मुलाकात के लिए मेराज के सफर पर गए थे और इसी मस्जिद में पैगम्बर मोहम्मद साहब ने पिछले सभी पैगम्बरों की नमाज में इमामत की थी।