
भोपाल। पर्यावरण की सुरक्षा हो या आपसी सौहार्द हर जगह लोगों को खुद ही आगे आने की आश्यकता है। ऐसे में समाज के लिए आगे आने वालों को सदैव ही इज्जत की नजर से देखा जाता है।
इसी सब के बीच भोपाल में भी कई लोग लगातार इसी भावना के चलते समाज व पर्यावरण के उत्थान मे लगे हुए हैं। इस कार्य में केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहीं हैं।
लगातार सामने आ रहे प्रदूषण के आंकडों के बीच डिस्पोजेबल बर्तनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सोनागिरी व कल्पना नगर में रहने वाली महिलाओं ने स्टील के बर्तन का बैंक बनाया है। इस बैंक में स्टील के बर्तन महिलाओं ने अपने जेब खर्च से बर्तन खरीदकर संग्रह किया है।
वहीं पूर्व में शहर में रोटी बैंक भी शुरू हो चुका है। इस बर्तन बैंक के लिए इन महिलाओं ने घरों में बच्चों का बर्थ-डे मनाने की जगह उसमें होने वाले खर्च की राशि से भी स्टील के बर्तन खरीदे हैं। बैंक पूरी तरह से नि:शुल्क बर्तन किसी को भी उपलब्ध कराता है।
अगर आपके घर बर्थ-डे पार्टी या अन्य किसी भी प्रकार कार्यक्रम है तो इस बर्तन बैंक जाकर संकल्प लें कि हम डिस्पोजेबल बर्तनों का उपयोग नहीं करेंगे, जिससे प्रदूषण न फैले। इस संकल्प के बाद आपको जरूरत के बर्तन मिल जाएंगे। बैंक का संचालन पूजा बरवाड कर रही हैं।
उनका सहयोग वंदना, पंकजा, शोभा,रेखा ,सोनाली, शिप्रा,किरण, अंजू व रेखा भी कर रही हैं। इसके अलावा कई और महिलाएं भी सहयोग दे रही हैं। सभी बर्तन को सुरक्षित रखना और उनको मेंटेन करने का काम पूजा के पास ही है।
इन सब में खास बात यह है कि अगर इन महिलाओं में से कोई भी किसी के घर के डिस्पोजेबल बर्तन का उपयोग होते देखती हैं, तो उन्हें भी इसके लिए रोका जाता है और बैंक से बर्तन लेने की सलाह दी जाती है।
बैंक में बर्तनों की संख्या संबंध में मिली जानकारी के अनुसार इस समय 300 खन वाली थाली, 300 नाश्ते की प्लेट, 300 चम्मच, 300 कटोरी व 300 ग्लास हैं। बैंक से जो भी बर्तन लेता है, उसे यह शर्त मानना होती है कि वह साफ सुधरे व उसी हालत में बर्तनों को बैंक में आकर जमा करें।
इधर, कॅरियर एक्सपर्ट बोली ऐसे तैयार हों स्टूडेंट्स:
कॅरियर एक्सपर्ट का कहना है कि जब हम इंडस्ट्री के साथ प्लेसमेंट के बारे में सेशन करते हैं तो एक कॉमन बात उभर कर आती है कि इंडस्ट्री रेडी टू वर्क कैंडीडेट्स चाहती हैं।
वे ऐसे कैंडीडेट्स नहीं चाहते जिन्हें सीखना पड़े। दरअसल अब तक ऐसा होता था कि कॉलेज या कैंडीडेट को कंपनी की डिमांड सुनना होती थी लेकिन कम्युनिकेशन में अब कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट कैंडीडेट्स की भी बात सुन रहे हैं और यह अच्छी पहल है। यह कहना है कॅरियर एक्सपर्ट डॉ. वीणा दत्त का। उनके मुताबिक कैंडीडेट्स का कहना होता है कि पहले दिन से उन्हें टारगेट दे दिए जाते हैं।
इंडस्ट्री, कैंडीडेट की भी सुने इसके लिए स्टूडेंट्स का पक्ष भी अब कंपनी के सामने रखा जा रहा है, ताकि वे स्टूडेंट्स के नजरिए से भी चीजों को समझें।
Published on:
09 Apr 2018 04:01 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
