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चैत्र नवरात्र, राम नवमी-हनुमान जयंती यहां देखें अप्रेल फेस्टिवल, विवाह मुहुर्त की पूरी लिस्ट

April 2024 Festival List: हिंदू पंचांग के हिसाब से इन दिनों चैत्र माह चल रहा है, वहीं आज सोमवार से अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से अप्रेल माह की शुरुआत हो गई।

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April 2024 Festival List: अप्रेल माह कई बड़े तीज-त्योहार लेकर आया है। गुड़ी पड़वा, हिंदू नववर्ष, चैत्र नवरात्र के साथ ही रामनवमी पर भगवान राम और हनुमान जयंती पर हनुमान जी की अराधना होगी। ग्रहों के राशि परिवर्तन भी इस माह में देखने को मिलेंगे।

अप्रेल में महिलाओं के भी कई व्रत पर्व आएंगे। इस दौरान शीतला सप्तमी और शीतला अष्टमी का पर्व 1 और 2 अप्रेल को मनाया जाएगा। इस दौरान महिलाएं व्रत रखेगी और बासी भोजन अर्पित कर मां शीतला माता की पूजा अर्चना करेंगे। इसी प्रकार 11 अप्रेल को गणगौर पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान महिलाओं द्वारा गणगौर की पूजा अर्चना की जाएगी और जगह-जगह से गणगौर यात्राएं निकलेगी।

बांके बिहारी मार्कंडेय मंदिर के पं. रामनारायण आचार्य का कहना है कि इस समय चैत्र माह चल रहा है। हिंदू धर्म का यह पहला माह होता है। इस माह के शुक्ल पक्ष से नववर्ष की शुरुआत होती है। इसी के आधार पर वार्षिक कैंलेंडर, पंचांग, तीज त्योहार आदि का निर्धारण किया जाता है। चैत्र माह में सबसे अधिक तीज त्योहार आते हैं। धार्मिक दृष्टि से यह माह विशेष फलदायी माना गया है। चैत्र माह 23 अप्रेल तक रहेगा। साल के प्रथम नवरात्र 9 अप्रेल से शुरू होंगे। 9 दिन तक श्रद्धालु मां जगतजननी के नौ रूपों की आराधना करेंगे। इस मौके पर मंदिरों में विशेष अनुष्ठान होंगे।











































































तारीख पर्व जयंती
05पापमोचनी ग्यारस
07विश्व स्वास्थ्य दिवस
08सोमवती अमावस्या
09चैत्र नवरात्रि, गुड़ीपड़वा, नववर्ष
10झूलेलाल जयंती
11ईदुल फितर
14डॉ आंबेडकर जयंती
16महाष्टमी
17महानवमी, रामनवमी
21महावीर जयंती
23हनुमान जयंती
28गुरुतेग बहादुर जयंती
30गुरु अर्जुनदेव जयंती

पं. अमर डब्बावाला ने बताया, अप्रेल को पंचांग की गणना के अनुसार चैत्र मास कहा जाता है। इसके अंतर्गत चैत्र कृष्ण पक्ष में और शुक्ल पक्ष में अर्थात 31 मार्च से लेकर 23 अप्रेल तक अलग-अलग प्रकार के ग्रहों का राशि परिवर्तन, नक्षत्र परिवर्तन और अस्त आदि का अनुक्रम रहेगा। इस दौरान वासंती नवरात्र के साथ अलग-अलग तीज-त्योहार का भी संयोग रहेगा। विशेष योग भी बनेंगे।

- डब्बावाला ने बताया, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर 31 मार्च को दोपहर 4 बजे शुक्र का कुंभ राशि को छोड़कर मीन राशि में प्रवेश हो चुका है, वहीं सूर्य का रेवती नक्षत्र में प्रवेश भी हुआ।

- अब 3 अप्रेल को शुक्र पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।

- प्रात: 9:30 बजे बुध ग्रह पश्चिम दिशा में अस्त होंगे।

- 14 अप्रेल को सूर्य का मेष राशि में प्रवेश होगा और शुक्र का रेवती नक्षत्र में 10 अप्रेल को प्रवेश होने जा रहा है।

- 28 अप्रेल को बृहस्पति मेष राशि को छोड़कर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। उनके प्रवेश काल में अलग-अलग प्रकार की स्थितियां निर्मित होंगी।

- अलग-अलग प्रकार के धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक परिवर्तन दिखाई देंगे।

- चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नव-संवत्सर (हिंदू नववर्ष) का आरंभ माना जाता है। इस बार 9 अप्रेल को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का आरंभ होगा, जिसका अधिपति मंगल है अर्थात संवत्सर का राजा मंगल रहेगा।

- साथ ही नव संवत्सर में अलग-अलग प्रकार के मंत्रिमंडल का भी विस्तार होगा। कुल मिलाकर नए संवत्सर में न्यायिक, सामाजिक परिवर्तन के साथ-साथ कुछ स्थानों पर राजनीतिक परिवर्तन भी होंगे।

डब्बावाला ने बताया, शुक्र का तारा 27 अप्रेल को प्रात: 5:31 पर अस्त होगा। शुक्र के तारे अस्त होने के बाद विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। विवाह का मुहूर्त अब जुलाई में विशेष मुहूर्त के अंदर 9 और 11 जुलाई में रहेगा। उसके बाद 16 नवंबर से विवाह का श्रेष्ठ मुहूर्त आरंभ होगा। अप्रेल में चार मुहूर्त विवाह के हैं। मुहूर्त की 18, 22, 23 और 26 अप्रेल तारीखें हैं।

वासंती नवरात्रि का आरंभ भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से माना जाता है। इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिन की रहेगी। देवी साधक और उपासक नवरात्रि के 9 दिन रात्रि पर्यंत साधना-उपासना के माध्यम से संकल्प की सिद्धि करेंगे।