कृत्रिम बुद्धिमत्ता AI तकनीक को भविष्य की तकनीक कहा जाता है। इस तकनीक के जरिए मशीनें ही खुद फैसले कर सकती हैं। मशीनों द्वारा वह सभी काम किए जा सकते हैं, जो काम मनुष्यों द्वारा किए जाते हैं।
इसी जरूरत ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश की युवा पीढ़ी को अभी से AI की शिक्षा दिलाने का निश्चय किया है। प्रदेश सरकार ने एमपी बोर्ड के शैक्षिक पाठ्यक्रम में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को शामिल करने की ओर कदम बढ़ाते हुए इसे वैकल्पिक विषय बनाने का फैसला किया है।
मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इसी शैक्षिक सत्र से एआई की पढ़ाई शुरू कराई जाएगी। कक्षा 8वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को वैकल्पिक विषय के तौर पर लिया जा सकेगा। इस नए पाठ्यक्रम की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश राज्य ओपन बोर्ड को दी गई है।
मध्य प्रदेश राज्य ओपन बोर्ड ने दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के साथ एमओयू भी साइन किया है। एमओयू के तहत प्रदेश के जिलों के 53 सरकारी स्कूलों में AI की पढ़ाई शुरू कराई जाएगी। (AI) की पढ़ाई के बाद छात्रों को तकनीक ज्ञान तो मिलेगा ही साथ ही भविष्य में दुनियाभर में रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
बताया जा रहा है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में एआई की पढ़ाई के लिए पाठयक्रम तैयार हो चुका है। स्कूल के साथ साथ AI की पढ़ाई ऑनलाइन मोड में भी आयोजित की जाएंगी। माइक्रोसॉफ्ट इन एआई की क्लासेज को चलाएगा। इसके लिए कंपनी ने टीचर्स को ट्रेनिंग देना भी शुरू कर दिया है। कंपनी प्रदेश के स्कूल टीचर्स को एआई की पढ़ाई की ट्रेनिंग दे चुकी है।