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पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान कांग्रेस से निष्कासित

बयानबाजी के बाद किया गया पार्टी से निष्कासन,प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा असलम खान का अब कांग्रेस से कोई लेना देना नही है।

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असलम शेर खान

भोपाल। अपनी बयानबाजी को लेकर हमशा चर्चा में रहने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री असलम शेरखान को कांग्रेस ने बहार का रास्ता दिखा दिया है। असलम शेरखान ने पहले अपना इस्तीफा पार्टी हाई कमान को दिया था। उनके इस्तीफे को मंजूर कर लिया गया है। गौरतलब है कि आज ही उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को निष्काषित करने की बात कही थी। सिंधिया और कमलनाथ को बताया अच्छ नेता भी बताया था।

अब अरुण यादव की बारी :
जानकारी के अनुसार प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रहे मोहन प्रकाश को हटाए जाने पर असलम ने कहा था कि अब अरुण यादव की बारी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अच्छे दिन आ गए हैं, अब अरुण यादव की बारी है।

जल्द ही प्रदेश कांग्रेस को नया नेतृत्व मिलेगा। वहीं, पीएम मोदी को लेकर भी उन्होंने कहा कि मोदी और शाह को 2019 के चुनाव में पार्टीयां नहीं बल्कि देश की जनता हराएगी।

गरमाई राजनीति:
एक ओर जहां असलम को लेकर राजनीति गर्मा गई है,वहीं प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व पार्टी की असलम खान का अब कांग्रेस से कोई लेना देना नही है। उन्हें पार्टी से भर किया जा चुका है।

मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने खान को तीन मर्तबा लोकसभा और एक बार विधानसभा का प्रत्याशी बनाकर सम्मान दिया, वे प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री भी रहे, बाद में वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये, उनके ही आग्रह पर कांग्रेस ने उन्हें पुनः पार्टी में शामिल किया, किन्तु पिछले कई दिनों से वे लगातार अपनी पुरानी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के हाथों की कठपुतली बन उसके मैदान पर गोल कर ‘‘टीम भाजपा’’ को लाभ पहुंचा रहे हैं।

भाजपा के ही इशारे पर उन्होंने कई बार पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव दिग्विजयसिंह, वरिष्ठतम नेता कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व प्रभारी महासचिव मोहन प्रकाश व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव के विरूद्व अनर्गल टिप्पणियां कर पार्टी के अनुशासन को चुनौतियां दी हैं।
पिछले वर्ष 5 सितम्बर 2016 को उन्होंने सोनिया गांधी को प्रेषित अपने इस्तीफे में सदस्य अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी व पार्टी की प्राथमिक सदस्या से खुद को पृथक कर लिया, जिसके आधार पर श्रीमती गांधी ने 13 सितम्बर को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया। लिहाजा, वे किस हैसियत से कांग्रेस के प्लेटफार्म का दुरूपयोग कर रहे हैं? मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि असलम शेर खान का कांग्रेस पार्टी से कोई सरोकार नहीं है।