
भोपाल में इसरो जैसे सेटअप में बनेगा सिम्युलेटरी स्पेस सेंटर- demo pic
Space Center - मध्यप्रदेश में सिम्युलेटरी स्पेस सेंटर बनाने का प्रस्ताव है। डॉ. अब्दुल कलाम के नाम पर यह सेंटर राजधानी भोपाल में बनाया जाएगा। प्रदेश की पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने यह बड़ा ऐलान किया। शुक्रवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रस्तावित स्पेस सेंटर में मिसाइल और सैटेलाइट की विकास यात्रा प्रदर्शित की जाएगी। मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि अंतरिक्ष में लोग कैसे रहते हैं, स्पेस सेंटर में बच्चे और युवा यह खुद महसूस कर सकेंगे। अंतरिक्ष यात्री कैसे चलते हैं, कैसा भोजन करते हैं, यहां यह सब बताया जाएगा।
वैज्ञानिक प्रशिक्षण के लिए अंतरिक्ष (स्पेस) जैसी कृत्रिम परिस्थितियों का वातावरण बनाने के लिए सिम्युलेटरी स्पेस सेंटर बनाया जाता है। इसके माध्यम से युवाओं को उपग्रहों, अंतरिक्ष स्टेशन, अंतरिक्ष विज्ञान, रॉकेट आदि की जानकारी दी जाती है। सिम्युलेटरी स्पेस सेंटर का निर्माण सीखने, अनुभव करने (Learning by Experience) के सिद्धांत पर किया जाता है। यहां अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) जैसा मॉडल तैयार किया जाता है।
सिम्युलेटरी स्पेस सेंटर में भारहीनता जैसी स्थिति निर्मित की जाती है। चूंकि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण (Gravity) नहीं होता। ऐसे में अंतरिक्ष यात्री, वहां कैसे वैज्ञानिक प्रयोग करते हैं, उनकी दिनचर्या क्या होती है, इसे प्रदर्शित किया जाता है।
सेंटर में अंतरिक्ष के अंदर रहने और प्रयोग आदि करने का प्रशिक्षण और अनुभव दिया जाता है।
राज्यमंत्री कृष्णा गौर के मुताबिक भोपाल के प्रस्तावित सेंटर में रॉकेट और मिसाइल डेवलपमेंट गैलरी बनाई जाएगी। रॉकेट लॉन्च से लेकर कक्षा (Orbit) तक की पूरी प्रक्रिया के साथ देश के प्रमुख मिशनों PSLV, गगन यान, चंद्रयान, मंगल मिशन का प्रदर्शन किया जाएगा।
सिम्युलेटरी स्पेस सेंटर में सैटेलाइट (उपग्रह) टेक्नोलॉजी जोन भी बनाया जाएगा। सबसे खास बात यह है कि सेंटर का सेटअप इसरो के कंट्रोल रूम जैसा होगा। राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने बताया कि भोपाल में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सिम्युलेटरी स्पेस सेंटर, प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK) के तहत बनाया जाएगा। भारत सरकार को यह प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से इस प्रस्तावित सेंटर में मिसाइल और सैटेलाइट विकास की पूरी यात्रा प्रदर्शित की जाएगी। यहां जीरो ग्रेविटी वातावरण का सिम्युलेटरी अनुभव देने वाला सिस्टम बनाया जाएगा जिससे छात्र खुद को अंतरिक्ष स्टेशन में ही रहने का अनुभव कर सकेंगे।
Published on:
26 Dec 2025 08:39 pm
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