8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आप मित्र बदल सकते हैं पर पड़ोसी नहीं , ये हैं अटल जी के Top 10 Quotes

भोपाल/ग्वालियर। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ग्वालियर के मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। एक स्कूल टीचर के घर में जन्में अटल जी की प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर में हुई। यहीं के विक्टोरिया ( अब लक्ष्मीबाई ) कॉलेज से बीए किया। चालीस के दशक में ग्वालियर में पढ़ते हुए वाजपेयी जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से […]

2 min read
Google source verification

image

Nitesh Tripathi

Dec 25, 2015

भोपाल/ग्वालियर। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ग्वालियर के मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। एक स्कूल टीचर के घर में जन्में अटल जी की प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर में हुई। यहीं के विक्टोरिया ( अब लक्ष्मीबाई ) कॉलेज से बीए किया। चालीस के दशक में ग्वालियर में पढ़ते हुए वाजपेयी जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए।

बाद में उन्हें भारत छोड़ो आंदोलन में जेल जाना पड़ा। उस वक़्त ग्वालियर शहर में हिंदू माहौल था और अटल जी की कविता हिन्दू तन-मन हिन्दू जीवन...हिंदू मेरा परिचय यहीं से मशहूर हुई थी। इसके अलावा अटल जी के विचार भी खूब चर्चित हुए। उनकी कही बातों को लोगों ने अपने जीवन में उतारना शुरू कर दिया। हम आपके लिए लेकर आए हैं उनके ऐसे ही कुछ कोट्स...


1. छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।

2. आप मित्र बदल सकते हैं पर पड़ोसी नहीं।

3. जो लोग हमसे पूछते हैं कि हम कब पाकिस्तान से वार्ता करेंगे वो शायद ये नहीं जानते कि पिछले 55 सालों में पाकिस्तान से बातचीत करने के सभी प्रयत्न भारत की तरफ से ही आये हैं।

4. भारत में भारी जन भावना थी कि पाकिस्तान के साथ तब तक कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकती जब तक कि वो आतंकवाद का प्रयोग अपनी विदेशी नीति के एक साधन के रूप में करना नहीं छोड़ देता।

5. गरीबी बहुआयामी है यह हमारी कमाई के अलावा, स्वास्थ्य राजनीतिक भागीदारी, और हमारी संस्कृति और सामाजिक संगठन की उन्नति पर भी असर डालती है।

6. शीत युद्ध के बाद आए उत्साह में एक गलत धारणा बन गई की संयुक्त राष्ट्र कहीं भी कोई भी समस्या हल कर सकता है!

7. हमारे परमाणु हथियार विशुद्ध रूप से किसी विरोधी के परमाणु हमले को हतोत्साहित करने के लिए हैं।

8. हमारे परमाणु हथियार विशुद्ध रूप से किसी विरोधी के परमाणु हमले को हतोसाहित करने के लिए हैं।

9. वास्तविकता ये है कि यू एन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन उतने ही कारगर हो सकते हैं जितना की उनके सदस्य उन्हें होने की अनुमति दें।

10. किसी भी मुल्क को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक साझदारी का हिस्सा होने का ढोंग नहीं करना चैये, जबकि वो आतंकवाद को बढाने, उकसाने, और प्रायोजित करने में लगा हुआ हो।