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10 हजार करोड़ में बनेगा यह एक्सप्रेस वे , 623 करोड़ का मुआवजा बांटेगी सरकार

अटल प्रगति पथ के नए प्रस्तावित मार्ग को मिली स्वीकृति  

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अटल प्रगति पथ

भोपाल। मध्यप्रदेश की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना को आखिरकार मंजूरी मिल गई है. इसी के साथ अटल प्रगति पथ यानि चंबल एक्सप्रेस वे परियोजना की सभी बाधाएं भी अब दूर हो गई हैं। अटल प्रगति पथ के नए प्रस्तावित मार्ग को स्वीकृति मिल गई है. अब इस मार्ग से चंबल नदी, बीहड़ और जंगल का अधिकांश हिस्सा बाहर हो गया है। नए मार्ग के कारण लागत भी कम हो गई है और प्रस्तावित मार्ग की लंबाई में भी कमी आई है। हालांकि अब निजी जमीन का अधिग्रहण ज्यादा करना होगा.

नए प्रस्ताव के अनुसार परियोजना की लागत 9581 करोड़ रुपए हो गई है। प्रस्तावित मार्ग की लंबाई में 6 किलोमीटर की कमी आई है। अब यह मार्ग श्योपुर, मुरैना और भिंड के 204 गावों से होकर गुजरेगा। पहले इसमें बीहड़ का 188 किलोमीटर हिस्सा आ रहा था जो अब घटकर मात्र 13 किलोमीटर रह गया है। वन भूमि भी 403 हेक्टेयर की जगह अब मात्र 13 हेक्टेयर ही होगी। हालांकि अब निजी भूमि का अधिग्रहण ज्यादा करना होगा. इसपर सरकार 623 करोड़ रुपए का मुआवजा बांटेगी। गौरतलब है कि परियोजना से प्रभावित हो रहे जंगल और बीहड़ को देखते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने आपत्ति लगाई थी। इसे आपत्ति के बाद एक्सप्रेस वे के पूर्व स्वीकृत मार्ग की जगह नया प्रस्ताव भेजा गया था।

इस नए मार्ग में श्योपुर और मुरैना जिले का 226 हेक्टेयर वन क्षेत्र नहीं आएगा। भिंड जिले में भी 177 हेक्टेयर की बजाए 12.74 वन क्षेत्र ही प्रभावित होगा। काफी हद तक वन्य प्राणी क्षेत्र भी परियोजना से बाहर हो गया है। अब अटल प्रगति पथ में चंबल के बीहड़ का 93 प्रतिशत हिस्सा नहीं आएगा। निजी भूमि अब 1337 हेक्टेयर की जगह 1977 हेक्टेयर आएगी। भूमि अधिग्रहण के लिए सरकार को 350 करोड़ रुपये की बजाए 623 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे।

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार परियोजना को लेकर जो भी आपत्तियां थीं उन्हें दूर कर लिया गया है। केंद्र सरकार द्वारा टर्म आफ रिफरेंस यानि टीओआर स्वीकृत होने से अब इस प्रोजेक्ट में कोई अड़चन नहीं रह गई है। यह मार्ग अब चंबल नदी से दो किलोमीटर दूर हो गया है और बीहड़ तथा जंगल का बड़ा हिस्सा परियोजना के बाहर ही हो गया है। अब निजी भूमि का अधिक अधिग्रहण करना होगा। इसके लिए 15 नवंबर 2022 तक आदेश जारी कर दिए जाएंगे।