
भोपाल। नियमितीकरण की मांग को लेकर पिछले पिछले चार दिनों से शाहजहांनी पार्क में धरना दे रहे अतिथि विद्वान शनिवार को जिला प्रशासन द्वारा पार्क में दी गई अनुमति समाप्त होने के बाद भी जमे रहे। शाहजहांनी पार्क में धरने की अनुमति को आगे बढ़ाने के लिए अतिथि विद्वानों ने एसडीएम ऑफिस में आवेदन लगाया था लेकिन प्रशासन ने आगे अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
अतिथि विद्वानों का कहना है भले ही अनुमति समाप्त हो गई हो लेकिन हमारा धरना समाप्त नहीं होगा। बता दें, पिपरिया से भोपाल तक पदयात्रा करने के बाद शाहजहांनी पार्क में पिछले चार दिनों से धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों से मिलने अभी तक शासन-प्रशासन की ओर से कोई नहीं पहुंचा। अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ. देवराज सिंह ने बताया कि हमने शासन-प्रशासन के लगभग हर दरवाजे तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश की लेकिन सरकार की बेरुखी और असंवेदनशीलता का आलम यह है कि किसी भी जनप्रतिनिधि ने हमारी बात सुनने और समझने की जहमत तक नहीं उठाई।
महिला अतिथि विद्वान बोलीं- अब केवल गला कटाना बाकी है
अतिथि विद्वानों के आंदोलन में बड़ी संख्या में शामिल महिला अतिथि विद्वानों ने कहा है कि हमने कमलनाथ सरकार की वादा खिलाफी और असंवेदनशीलता से दुखी होकर अपनी अस्मिता के प्रतीक अपने आंचल और दुपट्टे को भी जला दिया है। हम अपना केशत्याग भी करना चाह रहे थे लेकिन सामाजिक संगठनों के आगे आने से और उनके अनुरोध करने पर यह स्थगित किया गया है।
अब हमारे लिए केवल अपना गला कटवाना ही बाकी है। अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के डॉ. जेपीएस चौहान ने बताया कि पिछले कई दिनों से आंदोलनरत अतिथि विद्वानों के लिए विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा कंबल व भोजन उपलब्ध करवाया गया है।
Published on:
15 Dec 2019 11:28 am
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