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2 वर्ष से थोक मंडी में रविवार को नीलामी बंद, बासी सब्जियां बेचने की मजबूरी, व्यापारी बोले-आधी खराब होने से घाटा हो रहा

भोपाल. सब्जी मंडी में रविवार को नीलामी बंद होने से एक दिन बासी सब्जियां बाजार में मिल रही हैं। इससे शहर में 80 फीसदी आबादी को रविवार के दिन ताजी सब्जियां नहीं मिलती है, जबकि आम आदमी रविवार के दिन भी बाजार में खरीदारी अधिक करते हैं।

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2 वर्ष से थोक मंडी में रविवार को नीलामी बंद, बासी सब्जियां बेचने की मजबूरी, व्यापारी बोले-आधी खराब होने से घाटा हो रहा

2 वर्ष से थोक मंडी में रविवार को नीलामी बंद, बासी सब्जियां बेचने की मजबूरी, व्यापारी बोले-आधी खराब होने से घाटा हो रहा

कोरोनाकाल में बंद नीलामी का आज तक नहीं किए वैकल्पिक इंतजाम, 100 टन फल-सब्जियाें की होता है रोजाना व्यापार

थोक मंडी में दो सालों से रविवार की नीलामी बंद है। फुटकर किसान तो छुट्टी के दिन मंडी में आकर बैठते हैं और हॉट में भी ताजी सब्जियां लेकर जाते हैं,लेकिन पूरे शहर में रोजाना होने वाली मांग के अनुसार आवक 20 फीसदी ही रहती है। किसान, व्यापारी और जिम्मेदारों को कहना है कि लॉकडाउन के बाद से चली आ रही व्यवस्था में परिवर्तन नहीं हो सका है। जिसके चलते कृषि उपज मंडी में नीलामी रविवार नहीं की जा रही है।
फुटकर दुकानदारों को छोड़ दे तो शादियों के लिए सब्जी और फल लोग थोक मंडी में खरीदने रविवार को न जाएं। यहां छुट्टी के दिन फुटकर फल-सब्जियां तो मिल जाएंगी,लेकिन थोक में सामान नहीं मिलेगा। रविवार को ताजी सब्जियां थोक रेट पर नहीं मिलती है,जो मिलती है वह सब्जियां एक दिन पुरानी होती है। वैसे ही शहर में पूरे प्रदेश से फल-सब्जियां बिकने के लिए आती है। यह व्यवस्था यूं तो कोरोना काल में लॉक डाउन के दौरान शुरू की गई थी,लेकिन आम लोगों को उसकी जानकारी नहीं है। थोक व्यापारी और फुटकर दुकानदारों को तो इसकी जानकारी है। जिसके चलते वह एक दिन पहले बाजार में फल-सब्जियां बेचने के लिए खरीदारी करते हैं। किसान भी छुट्टी के दिन उपज लेकर मंडी में नीलामी के लिए नहीं आते हैं।

माह में एक दिन छुट्टी की थी व्यवस्था

बताया गया कि पहले थोक मंडी में माह में एक दिन महीने की पहली तारीख को मंडी बंद रखने की व्यवस्था थी। अब यह व्यवस्था सिर्फ नव बहार सब्जी मंडी में लागू। जबकि वहां से थोक नीलामी बंद हो चुकी है। कृषि उपज मंडी में इस व्यवस्था की जगह प्रत्येक रविवार को मंडी बंद रखने की व्यवस्था लॉक डाउन के बाद खुले बाजार में लागू कर दिया गया। अब सारी व्यवस्था सामान्य होने के बाद भी मंडी में इस व्यवस्था को नहीं बदला गया है। थोक मंडी में करीब 100 टन फल-सब्जियां रोजाना नीलामी के लिए आती हैं। छुट्टी के दिन सिर्फ फुटकर किसान ही मंडी में उपज लेकर बेचने के लिए आते हैं।

-शनिवार को आवक बाकी दिनों से ज्यादा

व्यापारियों ने बताया कि जब से रविवार का अवकाश घोषित हुआ है। बाजार की मांग को देखते हुए अधिकांश व्यापारी किसानों से शनिवार की नीलामी के लिए फल-सब्जियां दो गुना अधिक मंगाने लगे हैं। इससे उनके व्यापार में तो अधिक फर्क नहीं पड़ा है,लेकिन आम लोगों को शविवार की नीलामी में आई उपज रविवार को मिल रही है।

इनका कहना

पहले यह व्यवस्था नहीं थी,लेकिन मंडी प्रबंधन ने इसे कोरोना काल के बाद लॉक डाउन से उसे लागू किया था। ये सहीं है कि इसकी जानकारी आम लोगों को नहीं है। कई बार लोग छुट्टी के दिन सामान खरीदने आते है और फुटकर रेट पर ही सामान खरीदकर जाते हैं।

राजेंद्र सैनी, सचिव, थोक सब्जी विक्रेता कल्याण संघ

-रविवार की छुट्टी के चलते अधिकांश व्यापारी अब शनिवार को किसानों से बढ़ाकर माल मंगाने लगे हैं। वैसे रविवार को बड़े विक्रेता और बाहर से मांल नहीं आता है,लेकिन आसपास के किसान तो आते है, उपज बेचने

नबाब खान, कोषाध्यक्ष, थोक सब्जी विक्रेता कल्याण संघ
हमारे आने से पहले से लॉकडाउन के बाद रविवार को नीलामी की छुट्टी व्यवस्था लागू है। बाजार को व्यवस्थित करने के लिए इसे लागू किया गया था। इसे लेकर सभी की सहमति बनी तो साप्ताहिक छुट्टी रद्द करने पर विचार किया जा सकता है।
आरके जैन, सचिव, कृषि उपज मंडी, भोपाल