
भोपाल. अन्य देशों में कोरोना से बिगड़े हाल को देखते हुए, केंद्र ने हाल ही में अलर्ट जारी किया है। इसके बाद राजधानी में स्वास्थ्य विभाग एक्शन मोड में आ गया है। प्रशासन की तरफ से भी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। एम्स और हमीदिया के विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार यदि कोरोना की लहर आती भी है तो वह ज्यादा घातक नहीं होगी। देश में जो नए वैरिएंट बीएफ.7 के मरीज आए हैं, वह सभी सामान्य हैं। लोगों को जरूरत है कि वह खुद गाइडलाइन का पालन करें। हालांकि कमजोर इम्यूनिटी वालों को अधिक सावधानी की जरूरत है। सबसे खास बात यह है कि कोरोना का नया वायरस इस बार न्यू ईयर की तैयारियों के ठीक पहले सामने आया है। नया वेरिएंट ज्यादा संक्रामक भी है, इसलिए सावधानी रखना जरूरी है।
हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आशीष गोहिया के अनुसार कोरोना गाइडलाइन का पालन कर कोविड से बचा जा सकता है। इसके लिए एम्स जागरूकता अभियान भी चलाएगा। जिसमें कोशिश करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को यह बताया जा सके कि हम किस तरह से कोरोना से लड़ सकते हैं। साथ ही यदि इस बार कोरोना की लहर आएगी तो वह ज्यादा घातक नहीं होगी।
एम्स निदेशक डॉ अजय सिंह बताते हैं कि नए वैरिएंट बीएफ.7 कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में गंभीर हो सकता है। हालांकि हमारी सभी वैक्सीन असरदार रहीं हैं। ऐसे में कोरोना के अधिक गंभीर रूप लेने का अनुमान बेहद कम हैं। वैरिएंट के लक्षणों में बुखार, खांसी, खराश, नाक बहना और कुछ लोगों को उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं। किसी भी तरह का शक होने पर जांच कराएं।
क्या है जीनोम सीक्वेंसिंग
जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का बायोडाटा होता है। कोई वायरस कैसा है, किस तरह दिखता है, इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है। इसी वायरस के विशाल स्वरूप को जीनोम कहते हैं। ये कितना संक्रामक होता है, इसका आर फैक्टर कितना है। वायरस के बदलते स्वरूपों का पता लगाने को ही जीनोम सीक्वेंसिंग कहा जाता है।
ज्यादा संक्रामक है नया वेरिएंट
डॉ. आशीष गोहिया ने बताया कि टीकाकरण पर अधिक ध्यान देना चाहिए। बीएफ.7 वैरिएंट अधिक संक्रामक है। रिपोर्ट के अनुसार इसका एक मरीज 10 से 19 लोगों को संक्रमित कर सकता है। मगर बूस्टर डोज लेने वाले लोगों पर इसका कम प्रभाव पड़ने का अनुमान है। इसलिए सभी बूस्टर डोज जरूर लगवाएं।
न्यू ईयर पर विशेष सावधानी बरतें, भीड़ से बचें
इस बार न्यू ईयर की तैयारियों के ठीक पहले कोरोना सामने आया है। प्रशासन के अफसरों का कहना है कि इससे डरने की जरूरत नहीं है लेकिन सावधानी रखना चाहिए। न्यू ईयर पर रेस्टोरेंट, कैफे, पिकनिक स्पॉट, धार्मिक स्थलों, बाजारों में भीड़ बढ़ जाती है। ऐसे में घर से निकलते समय मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए न्यू ईयर को इंजॉय करें तो स्थिति नियंत्रण में रहेगी।
एम्स की तैयारियां
एम्स में पर्याप्त ऑक्सीजन बेड, दवाइयां समेत कोरोना के बेहतर उपचार के लिए अन्य सभी तैयारियां कर ली गईं हैं। हमारी लैब में जीनोम सीक्वेंसिंग की सुविधाएं भी हैं। सरकार की तरफ से जो सैंपल भेजे जाएंगे, उनकी जांच के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।
टीकाकरण जरूरी
एम्स निदेशन डॉ सिंह ने कहा कि यदि कोरोना की लहर आती है तो जिन लोगों ने बूस्टर डोज लगवाया है, उन पर इसका प्रभाव पड़ने की संभावना न के बराबर है। वहीं जिन लोगों ने अब तक टीकाकरण नहीं कराया है, उनसे आग्रह है कि टीकाकरण जरूर कराएं।
Published on:
24 Dec 2022 03:05 pm
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