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बागेश्वर धाम वाले पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयानों पर सोशल मीडिया में विवादों की गाथा

- सोशल मीडिया से लेकर चैनलों के प्राइम टाइम पर होने वाली बहस-पड़ताल में कथित चमत्कारों को लेकर खूब घेरे जा रहे हैं शास्त्री - ट्विटर और फेसबुक पर करोड़ों लोग विरोध और समर्थन में उतरे... हर दूसरा ट्वीट और पोस्ट इसी मुद्दे से जुड़ी हुई हो रही वायरल  

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बागेश्वर धाम वाले पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयानों पर सोशल मीडिया में विवादों की गाथा

बागेश्वर धाम वाले पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयानों पर सोशल मीडिया में विवादों की गाथा

भोपाल. छतरपुर जिले के प्रसिद्ध तीर्थ बागेश्वर धाम सरकार जहां बालाजी की पूजा होती है, वहां के पीठाधीश और खुद को उनका अनन्य भक्त बताने वाले युवा कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले एक साल से किसी न किसी वजह से सुर्खियों में हैं। कभी कथा वाचन के दौरान तेवर-कलेवर को लेकर तो कभी तीखे बयानों में। वे खुद को हिन्दू सम्प्रदाय का अगुवा और एकमात्र छत्रप धर्म गुुरु साबित करते दिखाई देते हैं, जिसकी खातिर कभी धर्मांतरण पर हमलावर होते हैं तो घर वापसी जैसे अभियान भी छेड़े हुए हैं। एक कथा वाचक का कद बढ़ता देख नेता-अभिनेता, संस्था और कुछ संत लगातार उनके खिलाफ हमलावर हैं। विरोधी खेमे की ओर से सोशल मीडिया से लेकर चैनलों के प्राइम टाइम पर होने वाली बहस-मुबाहिशों में वे कथित चमत्कारों को लेकर खूब घेरे जा रहे हैं। इसी कड़ी में पं. धीरेंद्र शास्त्री के साथ ताजा विवाद 11 जनवरी को महाराष्ट्र के नागपुर और 18 जनवरी को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में उस समय जुड़ा जब उन्होंने कथा वाचन के दरमियान कई समाज के कई ज्वलंत विषयों पर हल्ला बोला। रायपुर में उन्होंने कहा कि जहां-जहां धर्मांतरण हो रहा है, वे वहां रामकथा सुनाने जा रहे हैं। कांग्रेसशासित सूबे की राजधानी रायपुर में मंच से दिए इस बयान ने आग में घी का काम किया। इसके बाद विवाद तमाम खेमों से आगे निकलकर राजनीतिक गलियारों में गूंजने लगा। उनके खिलाफ अंध विश्वास फैलाने के आरोप तेज हो चले हैं तो ट्विटर और फेसबुक उनके समर्थकों और विरोधियों के लाखोंलाख बयानों से पटे पड़े हैं। दावा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स पर अब तक 60 करोड़ लोगों ने पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में पोस्ट किया है।

रायपुर में पं. शास्त्री ने कहा था- प्रदेश में धर्मांतरण के मामले बढ़े हैं
नागपुर के बाद पं. धीरेंद्र शास्त्री की कथा का कार्यक्रम रायपुर में हुआ। वहां पर उन्होंने बस्तर का जिक्र करते हुए कहा था- छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले बढ़े हैं। जब तक हम जीवित हैं, हम अधिक से अधिक लोगों की घर वापसी सुनिश्चित करेंगे और धर्म परिवर्तन भी रोकेंगे। हमें हिंदुओं के बीच एकता पर ध्यान केंद्रित करना है और सनातन धर्म के खिलाफ बोलने वालों का बहिष्कार करना है।

हंगामा है यूं बरपा...
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। इसके अलावा उन पर जमीन पर कब्जे और अंधविश्वास को बढ़ावा देने जैसे आरोप भी मढ़े गए हैं। यहां ऐसे पांच बड़े बयानों को दिया जा रहा है, जिस पर घमासान मच गया।

1. छतरपुर में धाम के आस-पास की जमीन पर विवाद
पं. धीरेंद्र शास्त्री और उनके सेवादारों पर छतरपुर जिले के बमीठा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम गढ़ा में बागेश्वर धाम के आसपास की प्राइवेट और सरकारी ज़मीनों पर कथित तौर पर कब्जा करने का भी आरोप है। मंदिर से सटी सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर गांव के ही कुछ लोग और मंदिर समिति के बीच विवाद भी चल रहा है। मंदिर समिति चाहती है कि देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आस-पास की जमीन पर किसी तरह का निर्माण न हो, जबकि दूसरे धड़े के लोग वहां ढाबा-होटलों का निर्माण करवा रहे हैं। खास बात यह है कि दूसरे धड़े के समर्थन में पूर्व विधायक आरडी प्रजापति भी पं. धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ धरने में बैठे थे। पिछले दिनों पार्किंग के लिए जब स्थानीय प्रशासन ने दो मकान तोड़े तो रहवासियों ने विरोध किया था, जिस पर अधिकारियों ने उन्हें समझाइश देकर मामला शांत करवाया।

2. नागपुर में विवाद छिड़ा तो एक समिति ने दी चुनौती
पं. शास्त्री ने महाराष्ट्र के नागपुर में 'श्रीराम चरित्र-चर्चा' आयोजित की। कथा का निर्धारित शेड्यूल 13 जनवरी तक था, लेकिन 11 जनवरी तक ही चल सकी। वहां की अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने चुनौती दी थी कि अगर पं. धीरेंद्र शास्त्री वाकई सबके बारे में बिना बताए जान लेते हैं, तो उनकी संस्था के सामने आएं। अगर वह जीते तो उन्हें ससम्मान 30 लाख रुपए देंगे। समिति का आरोप है कि 'दिव्य दरबार' और 'प्रेत दरबार' की आड़ में वह 'जादू-टोना' करते हैं।'देव-धर्म' के नाम पर आम लोगों से लूट, धोखाधड़ी और शोषण होता है। समिति ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। कहा जा रहा है कि इसी वजह से पं. धीरेंद्र शास्त्री नागपुर से कथा छोड़कर चले गए। तब उन्होंने स्थानीय पत्रकारों को बयान दिया था कि उनके गुरु जी का जन्मदिन है, अत: सभी जगह कथा के दो-दो दिन कम किए हैं।

3. सनातन का विरोध करने वालों के खिलाफ आह्वान
इससे कुछ दिन पहले पं. धीरेंद्र शास्त्री ने बॉलीवुड के एंटरटेनर शाहरुख खान की पठान मूवी के बायकॉट का आह्वान किया था। उन्होंने इस पर अपने बयान में कहा था कि तुम्हें सौगंध है, पूरे भारत के लोगों... तुम्हें शपथ है, जो सनातन का विरोध करे, चाहे वो नेता हो या अभिनेता हो... देखो, तुम लोगों ने एक अभिनेता की फिल्म बायकॉट की थी, तो सारे कलावा बांधने लगे, तिलक लगाने लगे, मंदिर जाने लगे, वो भी जिनके नाम के पीछे के.एच.ए.एन. मतलब खान लिखा है। आज शपथ लो, दोनों हाथ उठाकर ऐसे लोगों की फिल्म नहीं देखोगे।

4. जो पत्थर फेंके, उसके घर जेसीबी लेकर चलो
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का एक वीडियो वायरल हो रहा है जो अप्रैल 2022 का है। इसमें वे हिंदुओं से बुलडोजऱ खऱीदने को बोलते दिख रहे हैं। उसमें कहा गया है कि जो तुम्हारे घर पर पत्थर फेंके, उसके घर जेसीबी लेकर चलो, क्योंकि भारत सनातनियों का है। अगर सनातनियों के देश में राम की यात्रा पर रामनवमी पर कोई पत्थर मारे... बुजदिलों, कायरों जग जाओ। सब हिंदुओं अपने हाथ में हथियार उठा लो और कह दो हम सब हिंदू एक हैं।

5. छुआछूत को बढ़ावा देने का भी लगा आरोप
सोशल मीडिया में मई, 2022 का वीडियो है, जिसमें पं. धीरेंद्र शास्त्री किसी शख्स को पास बुलाते हैं। जब उस शख्स ने उनके पैर छूने की कोशिश की तो पं. शास्त्री उसे रोक देते हैं। फिर कहते हैं- आइए आप हैं जीवन... आइए, आइए... बस-बस छूना नहीं हमें... अछूत आदमी हैं हम। वीडियो वायरल होने के बाद विरोध शुरू हुआ तो बागेश्वर धाम सरकार (ऑफिशियल) नाम से चलने वाले ट्विटर हैंडल पर सफ़ाई दी गई कि संपादित वीडियो से भ्रामक प्रचार किया गया। अछूत शब्द पं. धीरेंद्र शास्त्री ने ख़ुद के लिए कहा था।

26 वर्षीय कथावाचक के खिलाफ राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी
बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की उम्र अभी महज 26 वर्ष बताई जाती है, लेकिन देशभर में उनके कथा कार्यक्रमों और धर्म जागरण सभाओं में दिग्गज हस्तियां शीश नवाती दिखाई देती हैं। इनमें महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जैसे कई नेता शामिल हैं। हालांकि अब जब पं. शास्त्री के बयानों को लेकर विवाद बढ़ रहा है तो ये नेता भी खेमे में बंट गए हैं। अपनी पार्टी के सिद्धांतों के अनुसार इनके नपे-तुले बयान आ रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शास्त्री का बचाव करते हुए कहा था कि- सनातन धर्म में चमत्कार करने वाले काफी महापुरुष हुए हैं। वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने सधे हुए अंदाज में कहा कि सिद्धियां तो हासिल की सकती हैं, लेकिन चमत्कार दिखाना ठीक नहीं। इसी तरह से देशभर में पं. धीरेंद्र शास्त्री को लेकर आम और खास लोग मुखर हैं।

समर्थन में इन्होंने संभाला मोर्चा
1. द्वारिका पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने मप्र के कटनी में कहा- जो लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर प्रश्न उठा रहे हैं, क्या वो कभी बागेश्वर धाम गए? क्या उन्होंने लोगों का भला करने के लिए दक्षिणा ली है, पैसा लिया है? कोई ऐसा व्यक्ति, जिसको उन्होंने ठीक करने का वादा किया। कोई एग्रीमेंट किया? वो ठीक नहीं हुआ हो? ऐसा कुछ नहीं है। पहले विश्वास और अंधविश्वास में अंतर समझना पड़ेगा। अगर किसी देवी-देवता का आश्रय लेकर लोग ठीक हो रहे हैंं तो क्या गलत है? ये तो हमारी परंपरा है। क्या बागेश्वर महाराज ने पीला चावल भेजा, फिर क्यों आए? ये आपकी श्रद्धा और विश्वास है।

2. विश्व हिन्दू परिषद् केंद्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में कहा- धर्म, श्रद्धा का विषय है, जिसकी श्रद्धा हो जाए, न हो तो न जाए। कुछ लोगों को ईश्वरीय शक्ति जन्म के साथ मिलती है। मानने वालों के साथ ही आलोचना करने वाले भी स्वतंत्र हैं।

3. प्रख्यात योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा- कुछ पाखंडी धीरेंद्र शास्त्री पर टूट पड़े हैं और सवाल कर रहे हैं कि बालाजी की कृपा क्या है... हनुमान जी की कृपा क्या है...

3. मप्र की धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा- जो भी लोग धीरेंद्र शास्त्री का विरोध कर रहे हैं, वो लोग केवल और केवल राष्ट्रदोही हैं। सनातन दृढ़ता से... मजबूती से खड़ा है। यही वजह है कि राष्ट्रदोहियों को ठेस हो रही है। इस तरह के षड्यंत्र बरसों से चले आ रहे हैं।

विरोध में इन्होंने खोला मोर्चा
1. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नाम लिए बिना कहा- हमारे मठ में दरार आ गई हंै, उसे जोड़ो। जोशीमठ में आई दरारों को रोको। अगर ऐसा कर सकते हैं, तो हम फूल बिछाकर उनको ले आएंगे, झुक कर पलकें बिछाएंगे। देश की जनता चाहती है कि कोई चमत्कार हो। जो चमत्कार जनता की भलाई में हो, तो उसे हम नमस्कार करेंगे, नहीं तो ये छलावा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कोई भविष्यवाणी की जा रही है, तो शास्त्र उसे मान्यता देता है। जो भी धर्मगुरुओं द्वारा कहा जाए, वो शास्त्र की कसौटी पर कसा हुआ होना चाहिए। मनमाना नहीं होना चाहिए। ऐसा है, तो हम उसे मान्यता देते हैं, लेकिन अगर मनमाना कह रहे हैं, तो गलत है।

2. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- लोगों को सिद्धियां मिलती हैं और रामकृष्ण, भगवान बुद्ध इसके उदाहरण हैं। सिद्धियों से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे चमत्कार नहीं दिखाना चाहिए, क्योंकि यह जादूगरों का काम है। इससे समाज में जड़ता आती है। ऋषि-मुनियों ने इसको रोका था कि इस प्रकार से सिद्धियों का प्रयोग नहीं होना चाहिए। पीर-फकीर के द्वारा ताबीज देकर... इसाइयों में चंगाई सभा में चमत्कार की बात करते हैं, जिससे बचना चाहिए।

3. नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिह ने ग्वालियर में एक प्रश्न के जवाब में कहा- कौन है यह धीरेंद्र शास्त्री... मैं जानता नहीं हूं कौन सा धीरेंद्र शास्त्री है। मैं सिर्फ गरीबों, आम लोगों और जरूरतमंदों की मदद करने वाले शास्त्री को ही प्रणाम करता हूं। फर्जी शास्त्रियों के लिए मेरे यहां कोई जगह नहीं है।

4. छत्तीसगढ़ के मंत्री कवासी लखमा ने कहा- नागपुर में भी किसी ने इस बाबा को चुनौती दी है। मैं उन्हें राज्य में मेरे साथ आने की चुनौती देता हूं। अगर उनके धर्मांतरण के आरोप साबित हो जाते हैं, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा, नहीं तो उन्हें पंडिताई छोडऩी पड़ेगी।

पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादा लगाते थे दिव्य दरबार
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्य प्रदेश में छतरपुर जिले के बमीठा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम गढ़ा में हुआ था। उनका पूरा परिवार गढ़ा और गंज ग्राम में रहता है। गढ़ा में प्राचीन बागेश्वर धाम का मंदिर स्थित है। पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने दादाजी भगवानदास गर्ग जो 'दादा गुरुÓ के नाम से प्रसिद्ध हैं, उनको गुरु मानते हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि 'दादा गुरुÓ दिव्य दरबार लगाते थे और लोगों की मन की बात जान लेते थे। उस समय भी लोग इसी तरह से अर्जी लगाते थे। पं. धीरेंद्र भी अपने दादा और पिता के साथ बचपन से ही कथा वाचन करते आ रहे हैं।

दावा है- दरबार में आने वाले की मन की बात जानने का
पं. धीरेंद्र शास्त्री को लेकर कहा जाता है कि वे बिना कहे अपने दरबार में आनेवाले भक्तों की समस्या जान लेते हैं और समाधान भी बता देते हैं। इनका कहना है कि ये ध्यान विधि का नतीजा है, जो सनातन धर्म की सदियों पुरानी परंपरा का हिस्सा है। ये भी दावा है कि पं. धीरेंद्र शास्त्री के साथ रहने वाली एक छोटी गदा से उन्हें शक्ति मिलती है।