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बैंक और रेलवे ने दिव्यांग कर्मचारियों को दी वर्क फ्रॉम होम की सुविधा, राज्य में तीसरी लहर में भी बुला रहे कार्यालय

- प्रदेश भर में लगभग पांच हजार से अधिक दिव्यांग कर्मचारी हैं कार्यरत - इनमें भी दृष्टिबाधित करते हैं सबसे ज्यादा समस्या का सामना  

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भोपाल. कोरोना की पहली और दूसरी लहर में राज्य सरकार की ओर से दिव्यांग कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी गई थी, लेकिन तीसरी लहर शुरू होने के एक पखवाड़े बाद भी सरकार ने दिव्यांग कर्मचारियों की सुध नहीं ली है। जबकि केन्द्र सरकार ने इस सम्बंध में दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं, इस बीच रेलवे, बैंक आदि ने उन्हें यह सुविधा दे दी है। प्रदेश सरकार के पांच हजार से अधिक कर्मचारियों ने अपने संगठन के माध्यम से जल्द से जल्द वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दिए जाने की मांग उठाई है।

कार्मिक मंत्रालय ने दिए दिशा-निर्देश, कई विभागों ने दी सुविधा

केन्द्र सरकार के कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने तीसरी लहर शुरू होने के बाद तीन जनवरी को ही दिशानिर्देश जारी करते हुए कार्यालयों में50 फीसदी कर्मचारियों को बुलाने और दिव्यांगों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने के निर्देश दे दिए हैं। इसके बाद रेलवे, बैंक जैसे कई बड़े विभागों सहित कई राज्य इस सम्बंध में निर्देश जारी कर दिव्यांगों को सुविधा दे चुके हैं, लेकिन प्रदेश में इसका पालन नहीं हो रहा है।

टालमटोल कर रही सरकार

राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के महासविच अवधेश विश्वकर्मा बताते हैं, राज्य सरकार इस मामले में साफ तौर पर टालमटोली कर रही है, मैंने खुद सामान्य प्रशासन विभाग में जाकर अधिकारियों से चर्चा की है, उन्हें केन्द्र सरकार के आदेश से लेकर अन्य विभागों के निर्णयों की जानकारी दी, लेकिन हर बार आश्वासन मिला, लेकिन अब तक इस बारे में आदेश जारी नहीं हु़आ।

स्पर्श करते हुए ही आगे बढ़ते हैं दृष्टिबाधित, ज्यादा खतरे में

विश्वकर्मा का कहना है कि, दिव्यांग कर्मचारियों में भी सबसे ज्यादा समस्या दृष्टिबाधित कर्मचारियों को हो रही है, क्योंकि दृष्टिबाधित कर्मचारियों को रासता तलाशने के लिए हैंडल, रैलिंग सहित अन्य सतहों को स्पर्श करते हुएआगे बढऩा होता है, ऐसे में उनके संक्रमण के जल्द चपेट में आने और गंभीर संक्रमित होने की आशंका होती है। दृष्टिबाधितों का कहना है कि एक बार संक्रमित होने पर एक दृष्टिबाधित को सामान्य व्यक्ति की तुलना में कई गुना अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है क्योंकि क्वारेंटीन रहना अधिक मुश्किल होता है।

अधिकारी बोले प्रक्रिया चल रही है
इस सम्बंध में सामान्य प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि केन्द्र के दिशा-निर्देश और अन्य विभागों के कदमों की जानकारी है, दिव्यांग कर्मचारियों के हित में ऐसा कदम उठाने की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन आदेश कहां अटका है और कब तक जारी होगा? इस पर जिम्मेदार आधिकारिक रूप से कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।