सूर्योदय से पहले उठकर करें ये काम
सबसे पहले आप सूर्योदय से पहले उठने की आदत बनाएं। उठते ही आप हलकी स्ट्रेचिंग करें और इसके बाद एक ख़ास चीज पियें। एक ग्लास हलके गुनगुने पानी में एक आधा चम्मच शहद और एक नींबू मिलाकर सेवन करें। इससे आपके शरीर में मौजूद जमा टॉक्सिन बाहर निकलेंगे, जिससे शरीर स्वस्थ रहेगा।
कुछ हेल्दी खाएं
फ्रेश होने के बाद कुछ हेल्दी खाएं। मिसाल के तौर पर आप दो चार बादाम या ड्राई फ्रूट्स खा सकते हैं। यहां आप दो-तीन केलों का सेवन भी कर सकते हैं। केले के सेवन से शरीर का ऊर्जा स्तर लंबे समय तक बना रहता है।
कुछ देर घूमने निकलें
सूरज की रोशनी तेज होने से पहले ठंडे समय ही कुछ देर के लिए घूमने निकलें। किसी पार्क या संभव हो तो तालाब के किनारे जाएं। थोड़ी बहुत स्ट्रेचिंग करें, हल्का व्यायाम करें, कम से कम बीस मिनट के लिए। इस बीस मिनट में शरीर से गैर जरूरी तत्व पसीने के जरिये निकल आएंगे, जो दिनभर के लंबे अंतराल में डाइबिटीज की पीड़ा से बचाएंगे। जरूरी नहीं कि आप रोजाना व्यायाम करें ही, लेकिन इस बात को जरूरी मान लें कि, आपको रोजाना सूरज की रोशनी तेज होने से पहले पहले किसी कुदरती स्थान पर घूमना है।
डायबिटीज पेशेंट के लिए बेहद जरूरी है नाश्ता
मॉरनिंग वॉक से लोटने पर कुछ देर रेस्ट कर सकते हैं। करीब दस से पंद्रह मिनट ताकि, शरीर का तापमान सामान्य हो जाए। अब चाहें तो नहा लें या हाथ-मूंह धो लें ताकि, शरीर पर लगा पसीना निकल जाए। अब नाश्ता करें। डायबिटीज पेशेंट के लिए नाश्ता करना बेहद जरूरी होता है। ये याद रखें कि, नाश्ता ज्यादा चटपटा या गरिष्ठ ना हो। नाश्ते में फाइबर वाली चीजों का सेवन ज्यादा करें। ये डाइबिटीज कंट्रोल रखने में मदद करते हैं। नाशते में आप ओट्स, दलीया, बेसन का चीला, पोहा आदि ले सकते हैं। नाश्ता के बाद आप सामान्य चाय के स्थान पर ग्रीन टी ले सकते हैं, ये सेहत के लिए फायदेमंद है।
इन बातों का रखें खास ध्यान
डायबिटीज के पेशेंट को कभी भी एक बार में पेट भरकर भोजन नहीं करना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा दो घंटे के अंतराल से थोड़ा थोड़ा भोजन रना चाहिए। ताकि, खाया हुआ भोजन धीरे धीरे पचता भी रहे और पेट में गरिष्ठता ना बढ़े। ज्यादा से ज्यादा पैदल चलने की कोशिश करें। ताकि, हमारा खाना नियमित रूप से पचता रहे। दोपहर में संभव हो तो, दो-तीन घंटे की एक नींद ले लें। मनोरंजन की चीजों की ओर ज्यादा समय बिताएं, ताकि पॉजिटिविटी से दिमाग हेल्दी बना रहे,ये डायबिटीज पेशेंट के लिए जरूरी है। डाइबिटीज के पेशेंट का दिल सामान्य व्यक्ति के मुकाबले कमजोर होता है, जो थोड़ा भी शॉकिंग बात या घटना सुनने पर पीड़ा में आ जाता है। इसलिए हमेशा पॉजिटिव माहौल में रहने की कोशिश करें और रात में ज्यादा से ज्यादा आठ बजे तक खाना खा लें और दस बजे तक किसी भी हाल में सो जाएं, ताकि अगले दिन सूरज निकलने से पहले पूरी नींद लेकर उठ सकें।