
mp board
भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सोमवार को 10वीं और 12 वीं के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए हैं। इस साल 2018 में 10वीं में कुल 66.54 प्रतिशत और 12वीं में 68.07 प्रतिशत का परिणाम सफल रहा। सरकारी स्कूल के सबसे ज्यादा छात्र पास हुए है। वहीं प्रदेश में इस वर्ष से पहली बार 'बेस्ट ऑफ फाइव योजना' लागू की गई है।
इस योजना के तहत कक्षा 10वीं के विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम की गणना 5 विषय में की गयी है। यानि 10वीं के छात्र यदि 6 विषयों में परीक्षा दी है और उनमें से पांच विषयों में सबसे अधिक अंक आए हैं उसे ही परीक्षा परिणाम की गणना में जोड़ा जाएगा। अगर कोई विद्यार्थी एक विषय में फेल भी हो गया है तो अन्य पांच में पास होने पर छात्र उत्तीर्ण माना जाएगा।
पांच विषय के आधार पर छात्र हुए पास
प्रदेश के 'बेस्ट ऑफ फाइव योजना' के आधार पर प्राप्तांकों की गणना भी पांच विषय में की गयी है। जिस विषय में सबसे कम अंक हैं, उसकी गणना नहीं की जाएगी। इस साल 2018 में यह निर्णय इसलिए लिया गया क्यों कि अक्सर छात्र एक विषय में कम रूचि होने से वे अक्सर फेल हो जाते थे।
जिस कारण उन हजारों विद्यार्थियों के लिए यह घोषणा फायदेमंद साबित होगा, जो केवल एक विषय में अरुचि या दूसरे कारण से कम नंबर ला पाते हैं या इसमें फेल हो जाते हैं। इस योजना से एमपी बोर्ड को भी फायदा होगा। इससे 10वीं बोर्ड के रिजल्ट का प्रतिशत भी बढ़ा है।
न्यूनतम अंक को रखा जाएगा बाहर
एमपी बोर्ड हाईस्कूल mp board 10th में छह विषय - प्रथम भाषा, द्वितीय भाषा एवं तृतीय भाषा, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान एवं गणित होते हैं। परीक्षा फल बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति से यानि इनमें से जिन पांच विषयों में (सैद्धांतिक तथा प्रायोगिक) में अलग-अलग उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। छठवां विषय जिसमें सबसे न्यूनतम अंक आएंगे, उसकी गणना कुल योग में नहीं की जाएगी।
छठवें विषय के स्थान पर अंकसूची में मात्र प्रदर्शित दिखायी देगा। इस विषय में उत्तीर्ण होना भी अनिवार्य नहीं होगा। बोर्ड का कहना है कि इस योजना का लाभ करीब 11 लाख विद्यार्थियों को मिलेगा। पिछले वर्ष 10वीं में करीब 2 लाख विद्यार्थियों को एक विषय में सप्लीमेंट्री आई थी। जिन्हें दोबारा परीक्षा देनी पड़ी थी।
बेस्ट ऑफ फाइव योजना क्या है best of five kya hai
माध्यमिक शिक्षा मंडल अभी तक नौवीं और दसवीं के नतीजों के लिए सभी 6 विषयों को आधार मानकर कुल प्राप्तांक के आधार पर श्रेणी निर्धारित करता आया है। लेकिन नए नियम के बाद अब कक्षा 9 और 10 का परीक्षा परिणाम 6 के बजाए 5 विषयों के प्राप्तांकों पर आधारित होगा। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से ये नियम सत्र 2018 से लागू करने के आदेश जारी किए गए हैं।
Published on:
14 May 2018 12:04 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
