Bhopal Central Vista Project: नयी दिल्ली के सेंट्रल विस्ता की तर्ज पर राजधानी के अरेरा हिल्स में नया प्रशासनिक पावर जोन बनेगा। यह कई मायने में अलग होगा। यहां स्मार्ट ट्रैफिक और वीआईपी मूवमेंट के लिए अलग व्यवस्था होगी। हर सडक़ की स्मार्ट प्लानिंग होगी। यह क्षेत्र वल्लभ भवन मंत्रालय से बिरला मंदिर, विधायक विश्राम गृह से मालवीय नगर और आगे राजभवन तक में करीब 1.7 किमी में विकसित किया जाएगा। राजभवन से मंत्रालय को भी जोड़ा जाएगा।
राजधानी भोपाल में अब राजधानी का केंद्र बदलने वाला है। अरेरा हिल्स में सतपुड़ा भवन और विंध्याचल भवनों की जगह एक नया, हाईटेक, ग्रीनबेल्ट प्रशासनिक शहर बसाया जा रहा है। इसे भोपाल के सेंट्रल विस्टा के नाम से जाना जाएगा। न केवल सरकारी दफ्तरों को आधुनििक स्वरूप मिलेगा, बल्कि यह पूरा इलाक मेट्रो कनेक्टिविटी, हरित भवनों और स्मार्ट सुविधाओं से लैस होगा।
दो प्रमुख प्रशासनिक भवन सतपुड़ा भवन और विंध्याचल भवन को तोडकऱ नए भवन बनाए जाएंगे। लगभग 32,000 लोगों को स्थानांतरित किया जाएगा, जो यहां की झुग्गी बस्तियों में रहते हैं।
सभी मुख्य भवन होंगे एक परिसर में नया प्रशासनिक परिसर की इस तरह डिजाइन की जा रही है कि राज्य के मुख्य सचिवालय, मंत्रालयों और अन्य प्रमुख सरकारी कार्यालयों को एक ही परिसर में आ जाए।
-- नए भवन ग्रीन बिल्डिंग अवधारणा पर आधारित होंगे। ताकि ऊर्जा की खपत न्यूनतम हो। योजना अगले 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी। बेहतर कनेक्टिविटी और पाथ-वे
--● प्रशासनिक जोन को भोपाल मेट्रो के ऑरेंज और ब्लू रूट से जोड़ा जाएगा। क्षेत्र में लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए कवर पाथ-वे बनाए जाएंगे, जिनमें हॉकर्स कॉर्नर और साप्ताहिक बाजार जैसी व्यवस्थाएं भी होंगी।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह के अनुसार स्लम रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम के तहत विस्थापितों को पक्के मकान मिलेंगे। वल्लभ भवन झुग्गी के 18 एकड़ क्षेत्रफल में निर्माण होगा। नगर निगम ने आसपास की 9 झुग्गियों का सर्वे पूरा कर लिया है। डीपीआर डिजाइन, प्लानिंग पॉलिसी भी तय है। झुग्गियों को तोडऩे के बाद यहां रह रहे लोगों केी सोशल प्रोफाईलिंग होगी। ताकि संबंधित व्यक्ति को घर के साथ उनकी आजीविका भी चलती रहे। पीपीपी मॉडल के तहत सुराज अभियान और रिडेंसीफिकेशन नीति में आवासीय परियोजनाओं में मॉल, कमर्शियल कॉम्पलेक्स और प्राइम डेवलेपमेंट कार्य भी किए जाएंगे।
यह प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड विकसित करेगा। अगले 15 दिन में सरकारी कार्यालयों के स्थानांतरण की योजना बनाई जाएगी और 2 महीने में डीपीआर पेश की जाएगी।
यह क्षेत्र भोपाल मेट्रो की ऑरेंज और ब्लू लाइन से सीधा कनेक्ट होगा। इसमें कवर्ड पाथ-वे, हॉकर्स कॉर्नर, सैनेटरी शॉप्स और VIP मूवमेंट के लिए अलग लेन शामिल होगी। इससे आम लोगों और अधिकारियों दोनों के लिए सुगम यातायात संभव होगा।
प्रोजेक्ट के दायरे में आने वाली 9 झुग्गी बस्तियों को हटाया जाएगा। जिनमें मालवीय नगर, भीम नगर, वल्लभ नगर, राजीव नगर आदि शामिल हैं। सरकार का दावा है कि इन सभी परिवारों को बेहतर सुविधाओं वाले क्षेत्रों में पुनर्वास दिया जाएगा। ताकि कोई विस्थापित न रहे।
इस योजना को भोपाल मास्टर प्लान 2031 के तहत प्रशासनिक री-डेसिफिकेशन जोन घोषित किया गया है। टेंडर प्रक्रिया के बाद निर्माण कार्य 2026 में शुरू किया जाना प्रस्तावित है। पूरा प्रोजेक्ट 2029 तक बनकर तैयार होने की संभावना है। इसे बसाने में 1200-1500 करोड़ का अनुमानित खर्च आ सकता है।
भोपाल का सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट केवल नई इमारतों का निर्माण नहीं, बल्कि यह शहर नवीन प्रशासनिक पहचान और स्मार्ट सिटी मॉडल की ओर उठाया जाने वाला ठोस कदम है। हरित भवन, मेट्रो कनेक्टिविटी, पुनर्वास, और 50 साल के लॉन्गटर्म की प्लानिंग इसे एमपी का सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बनाती है। यदि योजना मुताबिक समय सीमा में काम शुरू हुआ तो भोपाल के गिनती देश के सबसे संगठित प्रशासनिक शहरों में की जाने लगेगी।
Published on:
05 Jul 2025 11:27 am