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जिला मूल्यांकन समिति की बैठक…..चार फीसदी घटाई दरें, अब 14 फीसदी से कम औसत बढ़ोतरी

सबनानी बोले, आप गए हैं मौके पर, अफसरों का जवाब, अधीनस्त को भेजा था अफसरों का तर्क, जमीन अधिग्रहण में किसानों को लाभ चारों महानगरों की दरें समान करने की कोशिश

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  • 55 सुझावों में से 11 सुझाव पूरे माने, सात आंशिक, 37 को अमान्य कर दियाभोपाल.कलेक्टर गाइडलाइन पर जिला मूल्यांकन समिति से कुछ राहत निकली है। 18 फीसदी की औसत बढ़ोतरी के प्रस्ताव में करीब चार फीसदी की कमी की गई है। ग्रामीण समेत शहर के अपेक्षाकृत अंदरूनी व पिछड़े क्षेत्रों की दरों में कमी गई है। यहां एक साल में संपत्ति विक्रय करने वाले को स्टांप शुल्क में छूट का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया। इसे अब केंद्रीय मूल्यांकन समिति को भेजा है यहां से मंजूर कर एक अप्रेल को लागू कर दिया जाएगा। गाइडलाइन के ड्राफ्ट पर कुल 55 सुझाव- आपत्ति मिली थी। इसमें से 37 को तथ्यात्मकतौर पर उचित नहीं बताकर रद्द कर दिया गया। कुल 18 सुझाव माने, जिसमें से 11 पूरी तरह से मान्य किए गए।

सबनानी बोले, आप गए हैं मौके पर, अफसरों का जवाब, अधीनस्त को भेजा था

  • यहां बैठक में मूल्यांकन समिति में शामिल पंजीयन व प्रशासन के अफसर समिति सदस्य विधायक भगवानदास सबनानी के एक सवाल से असहज हो गए। दर बढ़ोतरी के पक्ष में अफसर समिति में अपनी बात कह रहे थे, तभी विधायक सबनानी ने पूछा छोला की नवजीवन कॉलोनी में दर क्यों बढ़ाई? सब एकदूसरे को देखने लगे। उन्होंने पूछा यहां तो स्लम है, छोटे मकान है, कोई प्रोजेक्ट नहीं आ रहा, आप देखने गए थे क्या? जवाब मिला, नहीं अधीनस्त गए थे। वे जवाब नहीं दे पाए। सबनानी ने कहा, ऐसे क्षेत्रों की दर बढ़ाने का लाभ नहीं।

अफसरों का तर्क, जमीन अधिग्रहण में किसानों को लाभ

  • दर बढ़ोतरी के पक्ष में पंजीयन के अफसरों ने बैठक में तर्क दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाई दरें किसानों के लिए तब लाभकारी होगीख्जब वे जमीन किसी प्रोजेक्ट के लिए देंगे। अभी कई प्रोजेक्ट प्रस्तावित है और किसानों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी। इसका लाभ ये होगा कि बढ़ी हुई गाइडलाइन से मुआवजा मिलेगा।

चारों महानगरों की दरें समान करने की कोशिश

  • यहां बैठक में बताया गया कि इंदौर की दरें भोपाल से ज्यादा है। इसी तरह जबलपुर में भी बढ़ोतरी की गई है। ग्वालियर की दरें भी बढ़ाई जा रही है। कोशिश है कि प्रदेश के चारों महानगरों में जमीन की दरें लगभग समान हो, ऐसा क्यों जरूरी है इसका जवाब अफसरों के पास नहीं थाा। समिति में क्रेडाई के सुझाव पर कृषि भूमि संबंधी उपबंधों में बदलाव करने की अनुशंसा केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड को भेजी है। यहां पंजीयन अधिकारियों ने जिले में पिछले 5 वर्ष में गाइडलाईन की बढोतरी के संबंध में अन्य जिलों से तुल्नात्मक स्थिति प्रस्तुत की गई।