भोपाल

बिना ड्राइवर के 90 की रफ्तार से दौड़ेगी भोपाल की मेट्रो

मेट्रो ट्रेन से नहीं होगी दुर्घटना, कम्युनिकेशन बेस्ड कंट्रोल सिस्टम से दौड़ेगी ट्रेन, स्टील व्हील तकनीक से पटरियों पर ही बनाएगी करंट, मेट्रो ट्रेन के कोच का 22 मीटर लंबा मॉडल भोपाल पहुंचा

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Jul 03, 2023
मेट्रो ट्रेन से नहीं होगी दुर्घटना

भोपाल. एमपी की राजधानी भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है। मेट्रो ट्रेन के कोच का 22 मीटर लंबा मॉडल भोपाल आ भी गया है। भोपाल की मेट्रो ट्रेन सबसे आधुनिक तकनीक से युक्त होगी। भोपाल मेट्रो ड्राइवरलैस होगी और 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी।

परंपरागत ट्रेनों की तरह इसमें अलग अलग रंग के लाइट्स सिग्नल सिस्टम नहीं होंगे। यह कंप्यूनिकेशन बेस्ड कंट्रोल सिस्टम से चलेगी और रुकेगी। यह ड्रायवरलेस होगी और इसमें स्टील व्हील तकनीक होगी। 750 डीसी करंट सिस्टम से ट्रेन को ट्रेक पर रफ्तार दी जाएगी। मेट्रो ट्रेन 1453 एमएम के स्टैंडर्ड गेज पर 90 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेगी।

मेट्रो चलाने के लिए ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन चार मॉडल का उपयोग होगा। अपनी तरह से ये पहला मॉडल होगा। शुरुआत में जीओए दो मॉडल से ट्रायल होगा। बाद में चार नंबर के मॉडल से इसे बदल दिया जाएगा। ये पूरी तरह से ऑटोमेटिक संचालन के लिए होता है।

भोपाल मेट्रो ड्रायवरलेस ऑपरेटिंग सिस्टम से चलेगी। इसमें ऑटोमेटिक ट्रेन कंट्रोल सिस्टम होगा जो ड्रायवरलेस ऑपरेशन और ऑटोमेटिक ट्रेन सुपरविजन के तहत काम करेगा। कंप्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोलिंग से मेट्रो की सुरक्षा पुख्ता होगी।

भोपाल मेट्रो के पहले चरण की दो लाइनों की लंबाई 28 किमी होगी। सितंबर 2023 में प्रायोरिटी कॉरीडोर के तहत साढ़े तीन किमी लंबाई का ट्रैक शुरू होगा। वर्ष 2027 में पहले चरण की दोनों लाइनों का काम पूरा होगा।

मेट्रो ट्रेन कॉरपोरेशन के एमडी मनीष सिंह के मुताबिक मेट्रो ट्रेन का संचालन पूरी तरह से सुरक्षित होगा। ट्रेन अत्याधुनिक तकनीकी से संचालित होगी।

भोपाल मेट्रो ट्रेन का कोच का मॉकअप यानि मॉडल रविवार को भोपाल पहुंच गया। ये 22 मीटर लंबा और 3 मीटर चौड़ा है। इसे श्यामला हिल्स स्थित स्मार्टपार्क में स्थापित किया जाएगा। यहां इसके लिए स्टैंड बनाया गया है। कोच अभी पूरी तरह से पैक है और लोकार्पण के समय ही सार्वजनिक किया जाएगा।

Published on:
03 Jul 2023 10:50 am
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