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भोपाल ननि का तुगलकी फरमान, एक ईंट भी रखी तो खैर नहीं

वर्ष से 2012 से पहले पंचायतों से पास कराए गए नक्शों को नगर निगम ने नगर योजना के खिलाफ माना है।

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Anwar Khan

Oct 09, 2016

The first sought to capture and removed, the corpo

The first sought to capture and removed, the corporation action today

भोपाल। नया फरमान। निगम के दायरे में दो बरस पहले शामिल हुईं ग्राम पंचायतों में सभी निर्माणाधीन इमारतों में काम बंद करने का आदेश जारी किया गया है। अब एक भी ईंट रखने से पहले नगर निगम से इजाजत लेनी होगी। वर्ष से 2012 से पहले पंचायतों से पास कराए गए नक्शों को नगर निगम ने नगर योजना के खिलाफ माना है।


यह है आदेश...
शनिवार को निगम कमिश्नर छवि भारद्धाज ने आदेश दिया है कि निगम सीमा के अन्तर्गत फरवरी 2014 के बाद शामिल ग्राम पंचायतों में जारी निर्माण कार्य को तत्काल रोक दिया जाए। आदेश में स्पष्ट है कि भले ही उक्त निर्माण के लिए पंचायत की अनुमति भोपाल विकास योजना 2005 तथा भूमि विकास नियम 2012 के प्रावधान का उल्लंघन है।


रियल इस्टेट नाराज
पंचायत क्षेत्रों में अनुमति के बाद भी निर्माणाधीन भवनों पर रोक के निर्णय का शहर के डेवलपर्स ने विरोध किया है। उनका कहना है कि भोपाल नगर निगम सीमा का दायरा बढऩे के पहले जिन प्रोजेक्ट को निर्माण की अनुमति मिल चुकी थी, उन्हें दोबारा अनुमति लेने का औचित्य नहीं है। बिल्डर्स का कहना है कि निगम को सिर्फ एफएआर के उल्लंघन पर कार्रवाई करना चाहिए।

शहर की सरहद बढ़ी
नगर निगम की सीमा वर्तमान में 418 वर्ग किलोमीटर है। फरवरी 2014 से पहले यह आधी थी। अर्थात भोपाल के आसपास बोरदा, कुआखेड़ा, कटारा, मिसरोद, कालापानी जोड़, बगली, छान, रापडिय़ा जैसे क्षेत्र 2014 से पहले प्लानिंग एरिया से बाहर थे। इनमें प्रोजेक्ट की अनुमति पंचायत एवं कोलार नगर पालिका के माध्यम से मिलती थी। पंचायतों से पास नक्शों को नगर निगम ने ठुकराया, रियल इस्टेट ने फैसले को बाजार विरोधी बताया,निर्माण पर अस्थाई रोक, निगम से लेगी होगी इजाजत।

इनका कहना है-
0 दोबारा अनुमति लेना तर्कसंगत नहीं है। बिल्डरों ने काफी निर्माण कर दिया है। सरपंच को भी अधिकार थे और उन्हीं से परमिशन मिली थी। एफएआर से ज्यादा निर्माण पर निगम का फोकस करना चाहिए।
देवेन्द्र चौकसे, डायरेक्टर, शालिगराम डेवलपर्स

0 फरवरी 2014 से पहले भी सक्षम बाडी द्वारा ही परमिशन मिलती थी। डेवलपर्स ने वैध तरीके से अनुमति लेकर निर्माण किए है। अब रोक की बात आती है तो यह उचित नहीं है।
राजा दुबे, डायरेक्टर, फास्टट्रेक डेवलपर्स

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