हाल में पकड़ में आए कृष्णकांत शर्मा उर्फ केके निवासी पटना (बिहार) से हुई पूछताछ में पता चला कि उसने मेडिकल की स्नातक और स्नातकोत्तर सीटों पर कई मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को 60 लाख से लेकर 1.60 करोड़ रुपए में दाखिला कराया है। जिन कॉलेजों में दाखिला कराया गया उनमें से लता मंगेशकर कॉलेज (नागपुर), कीम्स मेडिकल कॉलेज (बेंगलुरु), दत्तामेघे मेडिकल कॉलेज (नागपुर) प्रमुख हैं। इसके अलावा भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज, आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज, एलएन मेडिकल कॉलेज कीम्स मेडिकल कॉलेज बैंगलुरू, सुभैया मेडिकल कॉलेज (कर्नाटक) आइपीजीएमआर मेडिकल कॉलेज कोलकाता, लोकमान्य तिलक मेडिकल कॉलेज मुंबई, एमबीबीएस, बीडीएस और बीएएमएस में तो कई इंजीनियिरिंग कॉलेजों में एडमिशन दिलाने के नाम पर भी ठगी की गई।
संदीप-केके के खिलाफ दर्ज हैं कैस
गिरोह का सरगना संदीप करवरिया वर्ष 2013 से ठगी के धंधे में हैं। उसके खिलाफ हबीबगंज थाने में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज है। संदीप ने खुद को असिस्टेंट प्रोफेसर बताकर पीएनबी बैंक में सेलरी अकाउंट खुलवाया था। ठगी की रकम इसी खाते में आती थी। इधर, कृष्णकांत उर्फ केके के खिलाफ भी झाखंड में पहले से केस दर्ज हैं। गिरोह के सभी सदस्य एडमिशन कराने के गोरखधंधे के चलते एक-दूसरे के संपर्क में आए और संगठित होकर काम करने लगे। अभी तक 34 लोगों से तीन करोड़ से अधिक की ठगी का खुलासा हो चुका है। गिरोह ने मप्र, उप्र, दिल्ली, झारखंड, कर्नाटक और केरल के अलावा कई राज्यों के छात्रों से ठगी की है। पीडि़तों की संख्या कहीं अधिक है।