scriptकम हो जाएगी इटारसी, विदिशा, सीहोर और नर्मदापुरम की दूरी, चलने वाली हैं नई ट्रेनें ! | Bhopal Railway Division is preparing to run MEMU train | Patrika News

कम हो जाएगी इटारसी, विदिशा, सीहोर और नर्मदापुरम की दूरी, चलने वाली हैं नई ट्रेनें !

locationभोपालPublished: Jun 01, 2023 04:08:53 pm

Submitted by:

Ashtha Awasthi

हजारों अप डाउन करने वाले यात्रियों को फायदा होगा……

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MEMU train

भोपाल। भोपाल से आसपास के जिलों को फास्ट कनेक्टिविटी देने के लिए भोपाल रेल मंडल मेमू ट्रेन चलाने की तैयारी में है। मेमू ट्रेन की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव भोपाल रेल मंडल द्वारा रेलवे बोर्ड को भेजा गया था। भोपाल रेलवे को ट्रैफिक फेसिलिटीज मद में 114.71 करोड़ रुपए देना मंजूर हुआ है। भोपाल और रानी कमलापति स्टेशन से विदिशा, सीहोर, नर्मदापुरम, इटारसी के लिए मेमू ट्रेन चलाई जाएगी जिससे हजारों अप डाउन करने वाले यात्रियों को फायदा होगा। अभी ये यात्री लंबी दूरी की गाड़ियों छोटे स्टेशनों पर नहीं ठहरती हैं।

निशातपुरा कोच फैक्ट्री में होगा मेंटेनेंस

मेमू ट्रेन अभी भोपाल से बीना के बीच एक की संख्या में चल रही है। इसका मेंटेनेंस फिलहाल बीना स्टेशन पर किया जाता है। भोपाल से अलग-अलग शहरों तक मेमू ट्रेन संचालित होने के बाद इनकी संख्या बढ़ेगी जिसके बाद इनका मेंटेनेंस निशातपुरा कोच फैक्ट्री में किया जाना प्रस्तावित है।

सौरभ बंदोपाध्याय, डीआरएम का कहना है कि रेलवे बजट में सुविधाओं के फंड में इजाफा हुआ है। यात्रियों की मांग पर अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव है। बोर्ड की अनुमति का इंतजार है।

भोपाल स्टेशन का लोड होगा कम

इससे भोपाल रेलवे स्टेशन का लोड तो कम होगा ही साथ में कुछ नई ट्रेनें भी शुरू हो सकती हैं। मेमू के शुरू होने के बाद सुबह-शाम के वक्त मालवा एक्सप्रेस सहित कुछ गाड़ियों की आवाजाही आसान हो सकेगी। क्योंकि भोपाल स्टेशन पर रोजाना करीब 230 ट्रेने अप-डाउन में गुजरती हैं। साथ ही यहां 35 से 45 हजार यात्री रोजाना गुजरते हैं।

20 मीटर जमीन के नीचे दौड़ेगी मेट्रो ट्रेन

भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्ट के पहले चरण में एम्स से करोंद तक 16.8 किलोमीटर लंबे आरेंज मार्ग बन रहा है। इसमें 14 किलोमीटर का मार्ग एलिवेटेड होगा। जबकि, आरा मशीन क्षेत्र के पास से सिंधी कालोनी तक का मार्ग भूमिगत होगा। इसके लिए जमीन के 20 मीटर नीचे दो किलोमीटर नीचे टनल बनेगी। भूमिगत मार्ग में भोपाल रेलवे स्टेशन और नादरा बस स्टैंड के पास दो मेट्रो स्टेशन बनेंगे। भूमिगत मेट्रो ट्रैक के लिए ट्िवन टनल बोरिंग मशीन का उपयोग होगा। इसी तकनीक से लखनऊ, पुणे, मुंबई, दिल्ली व कोलकाता में टनल बनी थी। भूमिगत मार्ग में 900 मीटर कर्व-टनल (आंशिक मोड़ सुरंग) भी बनाई जाएगी। सबसे बड़ी टनल सिंधी कालोनी के पास बनेगी।

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