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मंत्री ने विधायक निधि की तरह खर्च किए खनिज प्रतिष्ठान के रुपए

बंदरबांट: सांसद-विधायकों और जिला पंचायत अध्यक्ष ने भी मंजूर कराए करोड़ों के काम...

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भोपाल@अनिल चौधरी की रिपोर्ट...

खनन क्षेत्र के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभावितों के लिए पेयजल, शौचालय, स्वास्थ्य सेवा और दिव्यांगों के कल्याण के लिए बने जिला खनिज प्रतिष्ठान के फंड से जनप्रतिनिधियों ने कम प्राथमिकता वाले दूसरे विकास कार्य करवा लिए।

मंत्री-विधायकों ने इसके करोड़ों रुपए का उपयोग विधायक निधि की तरह किया है। इसका खुलासा जिला खनिज प्रतिष्ठान की वार्षिक रिपोर्ट से हुआ है। ये पूरा खेल चुनावी फायदा लेने के लिए किया गया है।

मंत्री-विधायक कोई पीछे नहीं
नियमों का उल्लंघन करने वालों में खनिज मंत्री राजेन्द्र शुक्ला का भी नाम है। उन्होंने इस ट्रस्ट के तीन करोड़ रुपए से शहरी क्षेत्र में निर्माण कार्य कराए। इस फेहरिस्त में सांसद-विधायकों के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष भी शामिल हैं।

ऐसे ही बैतूल, धार, दमोह, कटनी, सतना और सिंगरौली जिलों में विधायकों के प्रस्ताव मंजूर हुए हंै। जबकि, जिला खनिज प्रतिष्ठान समिति की बैठक में वार्षिक और पंचवर्षीय योजना का खाका रखे जाने का प्रावधान है। व्यक्तिगत प्रस्ताव की बजाय प्राथमिकता और औचित्य के आधार पर योजना तैयार होती है।

इन्होंने भी मंजूर कराई राशि
मंत्री नरोत्तम मिश्रा प्रभारी मंत्री रीवा - 33.40 लाख
जनार्दन मिश्रा सांसद रीवा - 1.50 करोड़
अभय मिश्रा अध्यक्ष जिला पंचायत- 6.30 करोड़
नीलम मिश्रा विधायक सेमरिया - 1.48 करोड़
शीला त्यागी विधायक मनगवां- 1.19 करोड़
सुंदरलाल तिवारी विधायक गुढ़- 1.01 करोड़
गिरीश गौतम विधायक देवतालाब - 69 लाख
रमाकांत तिवारी विधायक त्योंथर - 62 लाख
सुखेंद्र सिंह बन्ना विधायक मऊगंज - 62 लाख
दिव्यराज सिंह विधायक सिरमौर - 61 लाख

लिफ्ट और मुर्दाघर के आए प्रस्ताव
जिला खनिज ट्रस्ट की बंदरबांट में आइएएस भी शामिल हैं। सतना और रीवा कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट में 25 लाख रुपए से लिफ्ट लगाने का प्रस्ताव बनाया था।

राज्य स्तरीय समिति ने आपत्ति उठाई तो दिव्यांगों के लिए लिफ्ट लगाने के नाम पर राशि ली। कई जिलों में मुर्दाघर, अस्पताल की बाउंड्रीवाल और डॉक्टर्स क्वार्टर बनाने में राशि खर्च कर दी गई। बैतूल में इसी फंड से स्वीमिंग पूल और जिम के निर्माण कार्य मंजूर कराए गए।


जिला खनिज प्रतिष्ठान प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में काम करता है। हमने खनिज परिवहन की वजह से खराब हुई सड़क निर्माण का प्रस्ताव दिया है। राशि गाइडलाइन के अनुसार ही मंजूर हुई है।
- राजेन्द्र शुक्ल, मंत्री, खनिज संसाधन विभाग

जिला खनिज प्रतिष्ठान के लिए बनाई गई गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं किया जा सकता। कुछ जिलों में लिफ्ट और दूसरे मद में खर्च का प्रस्ताव नामंजूर किया गया है।
- नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव, खनिज संसाधन विभाग