
भोपाल।मध्य प्रदेश में पुलिस द्वारा मनचलों और गुंडों का जूलूस निकालने और उठक-बैठक लगवाए जाने को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जायज ठहराया है। उनका कहना है कि ऐसे गुंडे जो बहन बेटियों से छेड़छाड़ करते हैं उनका कोई मानवाधिकार नहीं होता।
गुंडे,बदमाशों के जुलूस पर सीएम ने कहा है कि ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए साथ ही ये आगे भी होती रहेगी। दरअसल 92 प्रतिशत रेप के मामले में करीबी लोग होते हैं,ऐसे में लोगों को जागरूक करने की ज़रूरत है।
दरअसल राजधानी भोपाल में पुलिस द्वारा महिला सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए शुक्रवार सुबह को आयोजित 'वॉक-ए-कॉज' कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महिला अपराध में राज्य सरकार जीरो टॉलरेंस रखती है। पुलिस को अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के सभी अधिकार हैं।
यहां उन्होंने मानवाधिकार के समर्थकों पर हमला बोलते हुए कहा कि गुंडों का कोई मानवाधिकार नहीं होता, कथित मानवाधिकार के पक्षधर भी इस बात को जान लें। महिला सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, बेटियों से जगह-जगह छेड़छाड़ करें और उनका घर से निकलना मुश्किल कर दें, ऐसे गुंडों का कोई मानवाधिकार नहीं होता।
'वॉक-ए-कॉज' कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला, पुलिस महानिरीक्षक जयदीप प्रसाद सहित बड़ी संख्या में महिलाओं, युवतियों और बालिकाओं ने भी हिस्सा लिया।
रिटायरमेंट की आयु 62 वर्ष...
इसके सिवाय शुक्रवार को ही सीएम शिवराज ने एक अन्य कार्यक्रम में कई घोषणाएं की। इन घोषणाओं के तहत सीएम चौहान ने सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ा तोहफा दिया है। जिसके चलते कर्मचारियों के चेहरों पर खुशी छा गई है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने एलान करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु 60 से बढाकर 62 करने का निर्णय सरकार ने किया है।
अभी तक स्वास्थ्य विभाग में कुछ संवर्गों और स्कूल शिक्षा विभाग में रिटायरमेंट की आयु सीमा 60 से ज्यादा थी। जबकि बाकि सभी राज्य सरकार के पदों पर रिटायरमेंट की आयु 60 वर्ष थी। लेकिन अब इस नई घोषणा के बाद प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के रिटायरमेंट की आयु 60 की जगह 62 वर्ष हो जाएगी।
Published on:
30 Mar 2018 04:24 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
