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POLITICS: पहली बार खुले मंच से ज्योतिरादित्य सिंधिया को बताया ओबीसी नेता

मध्यप्रदेश में सबसे बड़ा वर्ग ओबीसी है, यही वर्ग सरकार बना सकता है और बिगाड़ भी सकता है...।

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भोपाल

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Manish Geete

Apr 08, 2023

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ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अन्य पिछड़ा वर्ग (obc) हैं। खुले मंच से पहली बार इस बात को बताया गया। दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया दो दिनों के लिए ग्वालियर दौरे पर आए थे। गौरतलब है कि हाल ही में सिंधिया ने राहुल गांधी की ओर से पीएम मोदी पर की गई टिप्पणी पर ओबीसी समाज का अपमान बताया था। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 50 फीसदी से ज्यादा ओबीसी वर्ग के लोग रहते हैं। यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस ओबीसी के मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहती है।

ग्वालियर की धरती पर सिंधिया राजघराने के राजवंश ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहली बार खुले मंच से ओबीसी बताया गया। भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाह ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश सरकार पिछड़ा वर्ग के लिए काम कर रही है और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी ओबीसी से आते हैं।

दो साल पहले चला था अभियान

दो साल पहले, ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश में ओबीसी नेता के तौर पर प्रतिष्ठित करने के लिए विशेष अभियान भी चलाया गया था। कई पुस्तकों में ग्वालियर रियासत के महाराजा सिंधिया को मराठा क्षत्रिय बताया गया है, लेकिन इतिहास के पन्नों में कहीं भी सिंधिया राजवंश को क्षत्रिय नहीं बताया गया। कुछ साल पहले जब ज्योतिरादित्य कांग्रेस पार्टी में थे और यूपी चुनाव प्रचार कर रहे थे तब एक सवाल के जवाब में मीडिया को बताया गया था कि वे कुर्मी जाति के हैं और पिछड़ा वर्ग से आते हैं। हालांकि स्वतंत्रता से पहले सभी राजाओं का धर्म क्षत्रिय ही माना जाता था, फिर चाहे जाति कुछ भी क्यों न हो। इससे पहले भाजपा में यह भी कवायद शुरू हुई थी कि सिंधिया को मराठा चेहरा के रूप में स्थापित किया जाए और मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र सहित पूरे भारत में उनका उपयोग किया जाए।

चुनाव से पहले गर्माया मुद्दा

मध्यप्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ओबीसी का मुद्दा गर्माया हुआ है। कमलनाथ सरकार ने ओबीसी का आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। यह मुद्दा 2018 से ही सरगर्मी वाला बना हुआ है। अब सरकारी भर्तियों में भी ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी करने का दबाव बढ़ रहा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही एक दूसरे पर आरोप लगाते आ रहे हैं। ओबीसी वर्ग इस मुद्दे से भाजपा और कांग्रेस से नाराज भी है। मध्यप्रदेश के ओबीसी सरकार बना सकते हैं और गिरा भी सकते हैं। इसलिए पार्टियां ओबीसी वर्ग को किसी भी तरह से साधने में जुटी है।

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इंग्लैंड और पेरिस जैसा बनेगा ग्वालियर

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि महाराजा बाड़ा की ऐतिहासिक इमारतों की शैली विश्व में कम जगह देखने को मिलती है। कुछ वर्षों का इतिहास देखें तो यह इमारतें खंडहर हो रही थीं लेकिन स्मार्ट सिटी ने इनका स्वरूप बदल दिया है। इन इमारतों से ग्वालियर पहचाना जाएगा। हमारा महाराजा बाड़ा इंग्लैंड और पेरिस से भी सुंदर होगा। टॉउन हॉल में औद्योगिक संग्रहालय बनाया जाएगा। नए रेलवे स्टेशन का भूमिपूजन जल्द ही प्रधानमंत्री करेंगे।

महाराजा बाड़ा पर आभार सभा में सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए एलिवेटेड रोड जरूरत महसूस की जा रही थी। एलिवेटेड रोड बनने के बाद शहर की फिजा बदल जाएगी और एलिवेटेड रोड शहर के लिए रिंग रोड का काम करेगी।

पायलट वाहन को छोड़कर निकल गए केंद्रीय मंत्री सिंधिया

केन्द्रीय मंत्री सिंधिया और उनके सुरक्षा काफिले के बीच शुक्रवार को फिर तालमेल गड़बड़ा गया। गफलत महाराजबाडे से मंत्री सिंधिया के रवाना होने पर हुई। उनका पायलट वाहन सराफा बाजार में चला गया जबकि मंत्री सिंधिया उसके विपरीत खासगी बाजार के रास्ते पर चले गए। इससे पुलिस अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई। मंत्री का काफिला पीछे आता नहीं दिखा तो पायलट वाहन तुरंत घूमकर उन्हें ढूंढता हुआ खासगी बाजार पहुंचा। दरअसल महाराज बाड़े पर कार्यक्रम से पहले उन्हें खासगी बाजार कार्यक्रम में जाना था, लेकिन पहले वह महाराज बाड़ा पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंच गए थे।

इस अवसर पर प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, जिलाध्यक्ष अभय चौधरी, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, मदन कुशवाह, पूर्व जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी, बीज निगम अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल, हरीश मेवाफरोश आदि उपस्थित थे।