
भोपाल. मध्य प्रदेश में पिछले साल उपचुनाव के दौरान कांग्रेस विधायक के बीजेपी में शामिल होने के बाद अब उनकी विधायकी खतरे में पड़ गई है। बड़वाह विधायक सचिन बिरला की विधानसभा सदस्यता को लेकर पर संकट के बादल चा गए हैं।
कांग्रेस ने विधायक सचिन बिरला की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। सचिन बिरला कांग्रेस से विधायक थे पिछले साल उपचुनाव के दौरान वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। कांग्रेस ने सचिन के खिलाफ दल-बदल कानून के तहत विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की है।
24 मार्च को फैसला
मध्य प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र शुरू हो गया है। सत्र शुरू होते ही कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को सचिन बिरला की विधानसभा सदस्यता रद्द करने का आवेदन को दिया है और कांग्रेस ने अपील की है कि दल-बदल कानून के तहत सचिन बिरला के खिलाफ कार्रवाई की जाए। अब विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को 24 मार्च को सचिन बिरला की सदस्यता को लेकर फैसला करना है।
बजट सत्र शुरू होते ही कांग्रेस विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष को आवेदन देकर दल-बदल कानून के तहत सचिन बिरला पर कार्रवाई कर सदस्यता रद्द करने की मांग की है। बताया जा रहा है कि विधानसभा या लोकसभा के सदस्य बनने के बाद यदि कोई सदस्य पार्टी छोड़ देता है या पार्टी व्हिप का पालन नहीं करना दल बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाती है।
सचिन बिरला खरगोन जिले की बड़वाह विधानसभा सीट से विधायक है। पिछले साल अक्टूबर में प्रदेश में उपचुनाव हुए थे तभी सचिन बिरला ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। कांग्रेस ने भी सचिन को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। बिरला ने बीजेपी में शामिल होने के बाद भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया था।
Published on:
08 Mar 2022 06:29 pm
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