1.5 किमी में तीन प्रोजेक्ट
1.5 किमी लंबे इस हिस्से पर एक साथ तीन प्रोजेक्ट आने से जमीन की किल्लत पैदा हो रही है। शहर के सबसे व्यस्ततम क्षेत्रों में से एक इस रोड पर पहले से बीआरटीएस और मेट्रो रेल का रूट नंबर 2 प्रस्तावित है। फ्लायओवर बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने सरकार से मानसरोवर कॉम्प्लेक्स से मैदा मिल एलआइसी कार्यालय तक बीआरटीएस खत्म कर जमीन हस्तांतरित करने की मांग रखी है। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी को फ्लायओवर के टेंडर जारी करने से पहले मेट्रो कंपनी की एनओसी भी चाहिए। अब तक इस मामले में नगर निगम, मेट्रो कंपनी और पीडब्ल्यूडी की संयुक्त रूप से तीन बैठकें हो चुकी है, लेकिन आम सहमति नहीं बन पाई है।
किस विभाग की क्या है आपत्ति
मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन: यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक और केंद्र से फंड मिलने के बाद एम्स से सुभाष नगर के बीच रूट 2 बनाने का काम चल रहा है। प्रोजेक्ट के आसपास कोई दूसरा नया प्रोजेक्ट तभी आएगा जब फाइनेंस करने वाली संस्थाओं से चर्चा कर अनापत्ति मिल जाएगी।
नगर निगम: बीसीएलएल के अंतर्गत मिसरोद से बैरागढ़ के बीच शहर के इकलौते बीआरटीएस का संचालन हो रहा है। मानसरोवर कॉम्प्लेक्स से बोर्ड ऑफिस के बीच लो फ्लोर बसें इसे कम समय में क्रॉस होती हैं। बीआरटीएस खत्म होने से बसों के संचालन में दिक्कतें आएंगी।
पीडब्ल्यूडी: प्रस्तावित फ्लायओवर मेट्रो रूट से सटकर बनेगा, लेकिन क्रॉस नहीं करेगा। बगैर बीआरटीएस खत्म किए कॉलम पिलर बनाने जगह नहीं मिलेगी। पीडब्ल्यूडी ने शुरुआती सर्वे अनुमति मिलने की उम्मीद में शुरू कर दिए हैं।
चर्चा जारी है
मेट्रो कंपनी और नगर निगम के साथ चर्चा जारी है, लेकिन अभी तक सहमति नहीं बनी है। बीआरटीएस की जमीन लेना जरूरी है, लेकिन मेट्रो प्रोजेक्ट इससे प्रभावित नहीं होगा। हमने शुरुआती सर्वे शुरू कर दिया है। – आरके मेहरा, ईएनसी, पीडब्ल्यूडी
फैसला शासन स्तर पर लिया जाना है
बीआरटीएस तोडऩे का फैसला शासन स्तर पर लिया जाना है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने पत्र और नक्शा भेजकर अनुमति मांगी है, लेकिन ये कार्रवाई नगर निगम स्तर से नहीं हो सकती।
-ओपी भारद्वाज, सिटी इंजीनियर, बीएमसी