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खरमोर संरक्षण के लिए मध्यप्रदेश में बनेगा प्रजनन केंद्र, रहवास को संरक्षित करने वाला होगा पहला राज्य

वन विभाग तैयार कर रहा प्रस्ताव, गिद्ध के बाद खरमोर पक्षी के संरक्षण के हो रहे प्रयास

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भोपाल। खरमोर पक्षी के संरक्षण के लिए मध्यप्रदेश में गिद्ध प्रजनन केंद्र की तरह खरमोर प्रजनन केंद्र तैयार किया जाएगा। इसे लेकर वन विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। अभी गुजरात में इंक्यूबेशन के जरिए इस संकटग्रस्त प्रजाती के संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश पहला ऐसा राज्य होगा, जहं इंक्यूबेशन के साथ इसके प्राकृतिक रहवास को भी संरक्षित किया जाएगा।

खरमोर पक्षी की संख्या महज 600 से 700 के आसपास

बॉम्बे नेचरल हिस्ट्री सोसायटी के डायरेक्टर किशोर रीठे ने बताया कि पूरे देश में खरमोर पक्षी की संख्या महज 600 से 700 के आसपास ही है। यह राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में पाया जाता है। मध्यप्रदेश में ग्वालियर, श्योपुर, रतलाम, झाबुआ व धार में ये प्रवासी पक्षी दिखाई देता है। हालांकि, यहां भी इनकी संख्या तेजी से घटती जा रही है। खरमोर अभ्यारण्य सरदारपुर में भी इनके संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं।

इंक्यूबेशन के जरिए बढ़ाई जा सकती है संख्या

रीठे के अनुसार गिद्ध प्रजनन केंद्र में इंक्यूबेशन के जरिए गिद्धों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसी तरह का प्रयोग खरमोर पक्षी की संख्या बढ़ाने के लिए भी किए जा सकते हैं। साथ ही मध्यप्रदेश में सर्वे कर ये देखा जाएगा कि प्राकृतिक रहवास को भी संरक्षित किया जाएगा। दोनों काम साथ-साथ करने होंगे। ये पक्षी साल में एक बार अंडे देता है, उस अंडे को इंक्यूबेशन के लिए उपयोग कर दूसरी बार बि्रडिंग कराई जा सकती है। इसके बाद नैसर्गिक रहवास में छोड़कर संख्या बढ़ाई जा सकती है।