scriptकहीं सपना न रह जाए आम आदमी का घर बनाना | Building a common man's house should not remain a dream | Patrika News

कहीं सपना न रह जाए आम आदमी का घर बनाना

locationभोपालPublished: May 17, 2022 01:43:04 am

Submitted by:

Rohit verma

छह माह से रेत के दाम आसमान पर, लोहा, सीमेंट, गिट्टी भी हुई महंगी

कहीं सपना न रह जाए आम आदमी का घर बनाना

कहीं सपना न रह जाए आम आदमी का घर बनाना

भोपाल. अपना घर का सपना कोरोना के बाद और महंगा हो गया है। पिछले छह माह से रेत के रेट आसमान पर चल रहे हैं। 28 हजार में सात सौ घन फीट रेत का डंपर पड़ रहा है। इसके रेटों में कमी आने के आसार नहीं दिख रहे। जून में एनजीटी की रोक लगने के बाद सीहोर, रायसेन के जो घाट खुले हैं वे भी बंद हो जाएंगे। ऐसे में ये डंपर तीस हजार रुपए से ऊपर पहुंच सकता है। वहीं सीमेंट और लोहे के दाम भी तेजी से ऊपर जा रहे हैं।
पिछले छह महीने में सीमेंट के रेट दो बार बढ़े हैं। ऐसे में घर बनाने का बजट पूरी तरह गड़बड़ा गया है। इधर क्रशर संचालकों ने गिट्टी भी महंगी कर दी है। यहां तक की नींव फिङ्क्षलग के लिए आ रहा कोपरा भी हाल ही में तीन हजार रुपए डंपर हो गया है। बिङ्क्षल्डग मटेरियल सप्लायर अशोक कटियार का मानना है कि अभी सीमेंट, लोहा, रेत के दामों पर किसी प्रकार की राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
राजीव शर्मा का कहना है कि बिजली के उपकरण भी लगातार महंगे हो रहे हैं। दस साल की वारंटी का लालच देकर स्विच तक के दाम बढ़ा दिए गए हैं।। जो लोग 20 से 25 लाख में घर बनाने का सपना देख रहे थे, उनका बजट 30 या इससे ऊपर जा रहा है। दानिश कुंज निवासी राजाराम बताते हैं कि हाल के महीनें में ही स्थिति ज्यादा खराब हुई है।
होशंगाबाद में खदानें बंद, सीहोर और रायसेन से आ रही रेत
छह महीने से ज्यादा समय से होशंगाबाद के रेत घाट बंद हैं, जिन लोगों ने स्टॉक किया हुआ है वही माल सप्लाई कर पा रहे हैं। हालांकि इनके पास भी नाम मात्र का स्टॉक है। ऐसे में पूरा लोड सीहोर और रायसेन की खदानों पर आ गया है। यहां से वर्तमान में रेत की सप्लाई की जा रही है। पहले तवा का डंपर जिस रेट में पड़ता था, उससे चार हजार ज्यादा में सीहोर की रेत मिल रही है।
कुछ माह में ऐसे बढ़े रेट
रेत 28-30 रुपए घन फीट से बढ़कर 39 से 41 रुपये घनफीट हो गई।
सीमेंट 300 रुपए बोरी से तीन माह पूर्व 340-350 रुपए में मिल रही थी, अब 390 रुपए प्रति बोरी चुकाने पड़ रहे हैं।
लोहा: 50 से 60 रुपए प्रति किलो मिलने वाला लोहा 75 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है।
गिट्टी 20 से 23 रुपए घन फीट हो गई।
ईंट: अच्छी पकी ईंट पहले 6 रुपए से 8 रुपए के बीच थी। वही ईंट अब 7. 50 से 10 रुपए तक पहुंच गई है।
रेत के रेट में पिछले छह माह से कोई कमी नहीं हो रही, सीहोर, रायसेन के जो घाट चल रहे हैं वे जून में बंद हो जाएंगे। इसके बाद तो ये रेट और बढ़ेंंगें। लगभग सभी प्रकार की सामग्री महंगी हुई है। कोरोना के बाद से अचानक तेजी आई है।
सुनील ललवानी, रेत कारोबारी व बिङ्क्षल्डग मटेरियल सप्लायर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो