खुले में मांस, मछनी नहीं बेचने के आदेश के चलते स्थाई दुकानदारों ने दुकानों पर कवर्ड तो लगा दिए है। कुछ दिन इसका पालन भी किया,लेकिन अब कई जगह कवर्ड खोलकर मांस, बेचना शुरू कर दिया है। कोई सख्ती करने आता है तो कवर्ड लगा लिए जाते है। अमले के जाते ही कवर्ड फिर खुल जाते हैं। इतना ही नहीं शाम के समय फुटपाथों पर लोग खुले में मछली बेचने की दुकानें लाइन से लगाकर बैठ जाते है। उसका बचा कचरा भी वहीं छोड़ जाते हैं। इन पर किसी तरह की कार्रवाई तक नहीं हो रही है।
दोहरी व्यवस्था भी काम नहीं कर रही
्रशुरू में तो सिर्फ पुलिस दुकानें संख्ती के साथ बंद करा रही थी। अब तो नगर निगम का अतिक्रमण अमला भी इसमें लगा हुआ है। 11 बजते ही बाजारों में लाउडस्पीकर से निगम अमला चेतावनी देने लगता है। उसके बाद भी दुकानें पूरी बंद नहीं हो तो पुलिस की पीकप भी चेतावनी देने के लिए आती है।
शादियों में खूब बजाए जा रहे है डीजे
बोर्ड परीक्षा के साथ ही शादियों की सीजन चरम पर चल रहा है। बसंत पंचमी तक सैकड़ों शादियां शहर में होना है। शादियों में साउंड सिस्टम डीजी भी पूरी क्षमता से बज रहे हैं। जबकि ध्वनि प्रदूषण को कंट्रोल करने के आदेश है। डीजी वाले शादियों में खूब तेज आवाज में डीजे बजा रहे हैं। पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं कर रही है।
– रात 11 बजे के बाद भी पीरगेट पर कई दुकानें खुली रही है। कॉजी कैंम्प, बुधवारा, रायल मार्केट पर यह हाल देखे जा सकते हैं। शासन की सख्ती अब नजर नहीं आ रही है। मांस की दुकानें भी कवर्ड खोलकर रखी जा रही हैं। नई सरकार के आदेश की अवहेलना हो रही है।
-पुलिस के साथ नगर निगम का अमला भी रात में दुकानें 11 बजे बंद करने के लिए बाजार में गाड़ी से घूम रहा है। अभी माइक से दुकानें बंद करने के लिए सिर्फ चेतावनी दी जा रही है। आदेश मिले तो चालानी कार्रवाई भी की जाएगी। लोग स्वेच्छा से दुकानें बंद कर रहे हैं।
पड़ताल में सामने आया कि ठंड के दिनों में तो लोग मार्केट 11 बजे ही बंद कर रहे थे। जैसे-जैसे मौसम गर्म होने लगा है, उसका असर बाजारों में भी दिख रहा है। लोग 11 बजे के बाद तक रुकने लगे है। जिसके चलते दुकानें भी लेट बंद होने लगी है।