Campaign to save trees - एमपी की राजधानी भोपाल में हजारों वृक्षों को कटने से बचाने के लिए आम लोग आगे आ गए हैं। बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक ने इसके लिए मुहिम छेड़ दी है।
Campaign to save trees - एमपी की राजधानी भोपाल में हजारों वृक्षों को कटने से बचाने के लिए आम लोग आगे आ गए हैं। बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक ने इसके लिए मुहिम छेड़ दी है। राजधानी में अयोध्या बायपास का विस्तार किया जा रहा है जिसके लिए हजारों पेड़ों की बलि चढ़ाई जाएगी। अयोध्या बाईपास को सर्विस लेन मिलाकर 10 लेन का बनाया जा रहा है। राजधानी के आसाराम तिराहे से रत्नागिरी तिराहे तक रोड चौड़ी करने के लिए इन पेड़ों को काटा जाएगा जिसका लोग विरोध कर रहे हैं। रविवार को लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं इसमें शामिल हुईं। पेड़ों से चिपकते हुए कटाई के काम का विरोध जताया। पेड़ों को रक्षासूत्र भी बांधे।
सड़क चौड़ी करने के काम में 8000 पेड़ों को काटा जाना है जिसका लोग विरोध कर रहे हैं। प्रोजेक्ट का नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानि एनएचएआई के सुपुर्द किया जा चुका है। विरोध को देखते हुए एनएचएआई को कोर्ट में मामला जाने और स्टे देने आदि की भी आशंका है। ऐसे में पहले उसका पक्ष सुनने के लिए हाईकोर्ट और एनजीटी में कैविएट भी दायर कर चुकी है।
पेड़ों को काटने से बचाने के लिए लोगों ने मुहिम चालू की है।इसके अंतर्गत विरोध प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं। रत्नागिरी तिराहे पर पेड़ों को रक्षासूत्र भी बांधे थे। रविवार को लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में लोगों ने अपने हाथों में तख्तियां लेकर पेड़ काटने की खिलाफत की। इस दौरान कई बच्चे और महिलाएं पेड़ों से चिपक गईं। बच्चों-बुजुर्गों ने मांग नहीं मानने पर धरना देने, भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी।
प्रदर्शनकारी पर्यावरण प्रेमियों ने कहा कि पेड़ बचेंगे तो ही हम भी बचे रहेंगे। विकास के लिए हरियाली की बलि लेना ठीक नहीं। एनएचएआई को कुछ ऐसा प्रोजेक्ट बनाना चाहिए ताकि पेड़ न काटे जाएं।
शाम को सागर स्टेट एवं काकड़ा फार्म के पास लोगों ने जीवित एवं पल्लवित पेड़ों को काटे जाने का विरोध जताया। महिलाओं ने कहा कि वर्तमान रोड के आसपास लगे हुए हजारों पेड़ों की चौड़ी करण के नाम से बलि लेना अनुचित है और इसका हर संभव विरोध किया जाएगा।