हमको अपने कार्य में ईमानदारी की संस्कृति को विकसित करना होगा, तभी हम भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पा सकते हैं। हमें अपने संगठन के प्रति जनता में भरोसा उत्पन्न करना होगा, मांग और आपूर्ति में समन्वय करना होगा। तभी सतर्कता को जड़ से मिटाया जा सकता है। यदि हमें भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना है तो पब्लिक फ्रैंडली एप्रोच भी रखनी होगी। भ्रष्टाचार मिटाने के लिए आत्ममंथन करना अति-आवश्यक है। इस दौरान मण्डल रेल प्रबंधक उदय बोरवणकर ने कहा कि विजिलेंस एंगल से हम सुबह उठकर सतर्कता की महत्ता को समझें तो ईमानदारी से कार्य करना आसान होगा।
भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए उ’च स्तर पर सूक्ष्म निगरानी की जरूरत
वरिष्ठ उप-महाप्रबंधक व मुख्य सतर्कता अधिकारी पश्चिम मध्य रेलवे वीके गुप्ता ने कहा कि भ्रष्टाचार एक कैंसर की तरह होता है, जैसे कैंसर शरीर को धीरे-धीरे खोखला करता है, वैसे ही भ्रष्टाचार देश और समाज को खोखला करता है। इस बीमारी को जड़ से समाप्त करना होगा। यदि ऊपर के स्तर पर सूक्ष्म निगरानी की जाए तो निचले स्तर पर भ्रष्टाचार पर नियंत्रण रखा जा सकता है।
सेमिनार में रेलवे के वेंडर व ठेकेदारों को भी आमंत्रित किया गया था। जिससे उनके कार्य में पारदर्शिता लाई जा सके। रेलवे के वेंडर एवं ठेकेदारों ने इस संगोष्ठी में अपनी समस्याओं एवं सुझावों को साझा किया। इस दौरान अपर मण्डल रेल प्रबंधक आरएस राजपूत, अजीत रघुवंशी, उप-मुख्य सर्तकता अधिकारी, वरिष्ठ मण्डल वाणिÓय प्रबंधक अनुराग पटेरिया सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।