इसके लिए स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन में रखी 1 हजार आधार किट का इस्तेमाल किया जाएगा। सभी स्कूल संचालकों और प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिया गया है कि कोई भी स्कूल बिना आधार कार्ड के किसी भी बच्चे को न तो तंग करेगा और न ही प्रवेश देने से इंकार।
साथ ही यह भी व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिया गया है कि स्कूल प्रबंधनों को ही पंचायत कर्मियों, मास्टर ट्रैनर्स, जनपद पंचायत के अमले की मदद से स्कूलों में ही कैंप लगाकर आधार कार्ड बनवाया जाए।
प्रवेश देने से इंकार करते थे
जिला शिक्षा अधिकारियों और स्कूल शिक्षा विभाग के पास हर साल हजारों शिकायतें आधार कार्ड नहीं होने को लेकर पहुंच रही हैं। इधर, यूआइडीएआइ ने भी आधार की अनिवार्यता को लेकर राहत दे दी हैं। इसके आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों, सरकारी-गैर सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों सहित मैदानी अमले को स्कूलों में कैंप लगाने के निर्देश दे दिए। कैंप लगाने के संबंध में भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी ने जिला पंचायत से पत्राचार शुरु कर दिया है। अगले सप्ताह कैंप लगाना शुरु कर दिया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्र में सबसे अधिक परेशानी
ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी-गैर सरकारी स्कूलों में सबसे अधिक परेशानी सामने आ रही थी। इसके चलते बैरसिया तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों से कैंप की शुरुआत की जाएगी। इसी तरह जिला शिक्षा अधिकारी अपनी-अपनी प्राथमिकता तय करके आधार कार्ड बनवाने की शुरुआत कर सकते हैं।
आगे क्या- जिला शिक्षा अधिकारी, जिला पंचायत और इ-गवर्नेंस मैनेजर मिलकर कैंप की जगह तय की जाएगी। विकास खंड-संकुल स्तर के अधिक नामांकन वाले उच्चतर माध्यमिक स्तर के स्कूलों में यह कैंप लगाए जाएंगे ताकि बच्चों को एक जगह बच्चों की अधिक संख्या हो ताकि कैंप में अधिक से अधिक बच्चों का पंजीयन व अथेंटिकेशन किया जा सके।
जिला पंचायत प्रबंधन से कैंप के संबंध में बातचीत की जा रही है। अगले सप्ताह कैंप लगाना शुरु करवा दिया जाएगा। कैंपों में पंचायत अमले की मदद ली जाएगी। अलग-अलग अवधि में अलग-अलग क्षेत्रों में कैंप लगाए जाएंगे। लेकिन सबसे अधिक समस्या ग्रामीण क्षेत्रों में हैं, इसलिए शुरुआत वहां से की जाएगी।
धर्मेंद शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल