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अब इन प्रॉपर्टियों की रजिस्ट्री होने वाली है निरस्त! कहीं इसमें आपकी प्रॉपर्टी भी तो शामिल नहीं, देखें यहां

इन प्रॉपर्टियों की रजिस्ट्री अब होने वाली है निरस्त! कहीं इसमें आपकी प्रॉपर्टी भी तो शामिल नहीं, देखें यहां...

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IT Department

भोपाल। वे सभी रजिस्ट्री जल्द ही शून्य घोषित कर दी जाएंगी जिन्हें बेनामीदार के नाम प्रॉपर्टी खरीदकर उसे अपने नाम किया जाएगा।

इस संबंध में आयकर विभाग के बेनामी विंग ने इस संबंध में भोपाल समेत उन जिलों के कलेक्टर्स को पत्र लिखा है। जानकारी के अनुसार इन जगहों पर पिछले 8 माह में बेनामी प्रॉपर्टी सामने आईं थी।


दरअसल जुलाई से लेकर अप्रैल तक आयकर विभाग ने प्रदेश में करीब 220 प्रॉपर्टी अटैच की थीं। इनमें से ज्यादातर की 90 दिन की प्रोविजनल अटैचमेंट की अवधि खत्म हो गई है। विभाग ने इन अटैचमेंट को स्थाई करने के लिए दिल्ली स्थित विभाग को ऑर्डर भेज दिया है।

विभाग का कहना है कि विभागीय अटैचमेंट की प्रक्रिया नियमानुसार चलती रहेगी। अटैचमेंट की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद प्रॉपर्टी का स्वामित्व केंद्र सरकार के पास आ जाएगा।

बेनामी एक्ट की धारा 6 (2) के अनुसार अगर किसी व्यक्ति ने किसी बेनामीदार के नाम जमीन-घर खरीदा और बाद में उसे अपने नाम करा लिया है तो ऐसी सभी प्रॉपर्टी को खरीदने के लिए की गई रजिस्ट्री शून्य की जा सकती है।

विभाग ने कहा है कि यह तमाम रजिस्ट्री जिला प्रशासन के संज्ञान में होती हैं। इसलिए उनके पास यह अधिकार है कि वे इसे शून्य घोषित कर दें। सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश में 220 से ज्यादा प्रॉपर्टी आयकर विभाग ने अटैच की हैं।


वहीं जानकारों का मानना है कि यदि सब कुछ ठीक चलता रहा तो आयकर विभाग के बेनामी विंग के इस पत्र के बाद अब जल्द ही बेनामीदार के नाम प्रॉपर्टी खरीदकर उसे अपने नाम कराने वाली सभी रजिस्ट्री शून्य घोषित कर दी जाएंगी।

अंतिम निर्णय होने तक जमीन का स्वामित्व भूस्वामी के पास :
आयकर विभाग बेनामी प्रॉपर्टी का 90 दिन का प्रोविजनल अटैचमेंट करता है। भू-स्वामी को नोटिस देकर जवाब मांगा जाता है। जवाब संतोषप्रद न होने पर ऑर्डर दिल्ली स्थित उच्चस्थ विभाग को भेजकर उसे स्थाई करने की अपील की जाती है।


विभाग के दावे की पड़ताल होती है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान जमीन का स्वामित्व भू-स्वामी के पास रहता है, लेकिन इसे खरीद-बेच नहीं सकता। जरूरत के हिसाब से कंस्ट्रक्शन करवाने स्वतंत्र रहता है।