पुलिस के मुताबिक 43 वर्षीय नीरज जोशी अपनी मां, पत्ती और दो बच्चों के साथ समृद्धि परिसर कोलार में रहते थे। नीरज के पिता शासकीय सेवक थे, जिनका देहांत हो चुका है। वर्ष 2013-14 से नीरज मुंह के कैंसर से पीड़ित थे, जिसका इलाज चल रहा था। नीरज 3 साल पहले तक एक बैनर और फ्लैक्स बनाने वाली कंपनी में काम करते थे, लेकिन मुंह की तकलीफ के कारण उन्होंने जॉब छोड़ दी थी। मां को मिलने वाली पेंशन से घर का खर्च चल रहा था। सुबह नीरज की पत्नी और मां चाय नाश्ता बनाने चली गई। कुछ देर बाद जब पत्नी वापस लौटी तो उन्होंने नीरज को फंदे पर लटका देख परिजन और पुलिस को सूचना दी।
यह भी पढ़ें- यहां 21 साल से खुद ही जल रही है अखंड ज्योति, न कोई घी भरता है न लगाता है बत्ती, वैज्ञानिक भी हैरान
करीब 6 माह से चल रहा था कीमो
मुंह में अधिक तकलीफ रहने के कारण उन्हें भोजन चबाने में काफी परेशानी होती थी। इसलिए तरल पदार्थ ही वो भोजन में ले पाते थे। करीब 6 माह से उनका कीमो भी चल रहा था। मुंह का काफी हिस्सा गल चुका था, जिसके चलते उन्हें असहनीय तकलीफ भी झेलनी पड़ रही थी।
इलाज के लिए परिजन बेचने जा रहे थे जमीन
बताया जा रहा है कि नीरज के बाहर इलाज और महंगे इंजेक्शन लगवाने कै लिए परिजन मंडीदीप स्थित अपनी जमीन बेचने का विचार बना चुके थे। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि, अब सहन करने की शक्ति नहीं है, मैं तो जा ही रहा हूं, संपत्ति मत बिगाड़ना, अगले जन्म फिर आऊंगा, इंतजार करना।
खाट पर शव लादकर कई किमी पैदल चलीं महिलाएं, देखें वीडियो