राजाभोज एयरपोर्ट पर शुक्रवार को एकबार फिर ज़िंदा कारतूस लेकर सफर करने वाली महिला पकड़ाई है। यह महिला जेट एयरवेज की उड़ान से दिल्ली जाने की तैयारी कर रही थी। महिला को गांधीनगर पुलिस के हवाले कर दिया गया है। महिला पूर्व राज्यसभा सांसद की पत्नी बताई जाती है। पुलिस उस महिला से पूछताछ में जुट गई है।
भोपाल एयरपोर्ट पर कई बार पकड़ाए कारतूस
इससे पहले भी कई बार भोपाल एयरपोर्ट पर जिंदा कारतूस ले जाने से पहले कई बार लोग पकड़े गए हैं। कुछ माह में ही कई मामले सामने आ चुके हैं।
12 जनवरी 2018
इससे पहले मुंबई जाने की तैयारी कर रहे मनीष व्यास नामक युवक के बेग से जिंदा कारतूस बरामद हुए थे। जैसे ही वे चेकइन कर रहे थे तो स्केनर ने बैग पकड़ लिया। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत मनीष को हिरासत में ले लिया और गांधीनगर पुलिस के हवाले कर दिया। हालांकि बाद में बंदूक का लाइसेंस दिखाने पर उन्हें रिहा कर दिया गया। लेकिन तब तक उनकी फ्लाइट छूट गई थी।
29 नवंबर 2016
अमेरिका जाने वाला था युवक
भोपाल का रहने वाला 30 वर्षीय उमेर उद्दीन मुंबई के रास्ते अमेरिका की उड़ान भरने वाला था। वह जब एयरइंडिया की उड़ान से मुंबई के लिए चेकइन कर रहा था इसी दौरान उसके बैग में स्कैनर ने जिंदा कारतूस होने का संकेत दिया। वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उसे जाने नहीं दिया और गांधीनगर पुलिस को मामला सौंप दिया। फिलहाल पुलिस उमर से पूछताछ कर रही है। आरोपी के परिजन उसे छुड़ाने के लिए गांधीनगर थाने पर पहुंच गए थे।
7 नवंबर 2017
राजाभोज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सिक्यूरिटी जांच के दौरान एक युवती के बैग से चार जिंदा कारतूस पकड़ा गए थे। युवती मुंबई के लिए एयर इंडिया की उड़ान से जाने वाली थी। गांधीनगर पुलिस ने जांच शुरू की थी। युवती मुंबई की ही रहने वाली है। वो अपने रिश्तेदार से मिलने भोपाल आई थी।
30 जुलाई 2017
30 जुलाई को राजाभोज एयरपोर्ट पर सुरक्षा एजेंसिया काफी सतर्क थी। हाई अलर्ट के बावजूद एक व्यक्ति के बैग से जिंदा कारतूस मिले थे। वह भी सुबह जेट एयरवेज की फ्लाइट से दिल्ली जाने वाला था। यह युवक राजगढ़ यातायात में पदस्थ अनिल बावनिया थे, जो दिल्ली जा रहे थे। उनके बैग में ये कारतूस मिले थे। उन्हें भी गांधीनगर पुलिस को दे दिया गया था। उन्होंने इन कारतूस को सरकारी बताया था।
26 जून 2016
राजा भोज एयरपोर्ट पर एक युवक के बैग में से 30 कारतूस मिले थे। सिविल लाइन निवासी सईद सैफ अली जेट की उड़ान से मुंबई जाने की तैयारी कर रहा था। चैकिंग के दौरान उसके बैग से .22 बोर के 19 खाली और 11 जिंदा कारतूस पाए गए थे। सैफ ने पुलिस को बताया कि यह कारतूस उसके भाई फैजल अली के होना बताया था। उसके पास लाइसेंसी बंदूक है और कारतूस गलती से उसके बैग में आ गए हैं।
15 मार्च 2010
इससे पहले रायपुर निवासी आदित्य वर्धन पाटनी के पास से भी जिंदा कारतूस मिलने से एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया था। वे मुंबई में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी का कर्मचारी है। वे भी सुबह जेट की उड़ान से मुंबई जा रहे थे। सीआईएसएफ के जवानों ने जब उसके बैग की तलाशी ली तो 32 बोर का जिंदा कारतूस मिला। आदित्य के पास शस्त्र लाइसेंस भी नहीं था। लिहाजा पुलिस ने आर्म्स एक्ट का माला दर्ज कर लिया था। आदित्य गंजबासौदा में अपने रिश्तेदार के यहां आया था। उसने बताया था कि रिश्तेदार के पास लाइसेंस है और कारतूस उन्हीं का है, जो मेरे बैग में आ गया।