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यह है परीक्षा सीबीएसई की परीक्षा फीस सीबीएसई की 10 वीं की परीक्षा फीस 1500 रुपए है इसके साथ प्रवजन प्रमाण पत्र (माइग्रेशन) के 350 रुपए अतिरिक्त लगते हैं। इस तरह फीस 1850 रुपए बनती है। वहीं 12 वीं में परीक्षा फीस 2300 रुपए है। कुछ स्कूलों में विदेशी भाषा या किसी अन्य अतिरिक्त विषय होने पर उस विषय के 300 रुपए लिए जा सकते हैं।
अलग-अलग स्कूल, 300 से 500 तक की वसूली
10 वीं की ही परीक्षा फीस की बात करें तो कोई स्कूल 1850 ले रहा है, कोई 2250, कोई 2100 और 2150 रुपए फीस ली जा रही है। इसी तरह 12 वीं की परीक्षा फीस में भी 300 से 500 रुपए की अतिरिक्त वसूली की जा रही है।
गलत परंपरा: बोर्ड की फीस की नहीं देती रसीद खास बात यह है निजी स्कूलों ने वर्षों से परंपरा बना रखी है कि विद्यार्थियों से ली जानी परीक्षा फीस की कोई रसीद नहीं दी जाती। प्रबंधन की ओर कहा जाता है कि, यह फीस तो बोर्ड को जाएगी। इसके चलते बोर्ड के नाम पर जो भी फीस वसूली जाती है उसमें हुए घोटाले का पता ही नहीं चलता। इतना ही नहीं स्कूलों ने इसे अपनी फीस से जोड़ लिया है, जिन विद्यार्थियों की सितम्बर तक की फीस जमा नहीं है स्कूल उनक परीक्षा फीस ही बोर्ड तक नहीं पहुंचा रहा।
जिले के स्कूलों में ही 10 वीं और 12 वीं सीबीएसई बोर्ड के 50 हजार से अधिक विद्यार्थी हैं। स्कूल में प्रत्येक विद्यार्थी से 300 से 500 रुपए तक अतिरिक्त वसूले जा रहे हैं। अधिकांश अभिभावकों को तो सीबीएसई के सकुर्लर की जानकारी भी नहीं है। इस तरह हजारों अभिभावकों से करोड़ों रुपए अवैध वसूली स्कूलों द्वारा कर ली जा रही है।
प्रबोध पंड्या, महासचिव, पालक महासंघ
सीबीएसई की ओर से तय फीस से अधिक फीस वसूलना पूरी तरह गलत है। हम अपने स्कूल और हमारे संगठन से जुड़े स्कूलों में इस बात का ध्यान रखते हैं कि सीबीएसई की तय परीक्षा फीस से अधिक वसूली ना हो। किसी भी स्कूल को ऐसा नहीं करना चाहिए।
बाबू थॉमस, सचिव, अनऐडेड स्कूल एसोसिएशन