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भोपाल @रिपोर्ट - डॉ. दीपेश अवस्थी
ईवीएम और वीवीपीएट में एक ही राजनीतिक दल का चुनाव चिन्ह बार-बार निकलने के करीब एक साल पुराने मामले में भिण्ड कलेक्टर इलैया राजा टी को आरोप-पत्र थमाया गया है। चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश सरकार को कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन सालभर फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी रही। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत का भोपाल दौरा तय होने पर उनके आने से पहले यह आरोप-पत्र जारी किया गया। इसमें इलैया राजा टी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही का निर्णय हुआ। उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए एक महीने का समय दिया गया। जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर राज्य सरकार उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर सकती है।
यह है मामला-
भिण्ड की अटेर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में 31 मार्च 2017 को मीडिया के सामने ईवीएम और वीवीपीएट मशीन का ट्रायल हुआ। इसमें बार-बार भाजपा के चुनाव चिन्ह की पर्ची निकलती रही। इसे लेकर ईवीएम पर सवाल उठे और मामला निर्वाचन आयोग जा पहुंचा। जांच के लिए आयोग ने वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भेजी थी। जिला निर्वाचन अधिकारी के नाते कलेक्टर इलैया राजा टी को इस गलती के लिए जिम्मेदार माना गया।
आरोप-पत्र में ये सवाल
सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से कलेक्टर इलैया राजा को जारी आरोप-पत्र में लिखा है कि वीवीपीएटी मशीन में पहले से दर्ज डाटा को प्रदर्शन से पहले डिलीट करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। गंभीर लापरवाही के कारण राजनीतिक दलों में ईवीएम और वीवीपीएटी मशीन को लेकर भ्रम पैदा हुआ। यह जानते हुए भी कि शिकायत के बाद आपको इसकी जांच कराना थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह मशीन सुरक्षित रखने कीबजाय पोलिंग बूथ के लिए आवंटित कर दी गई। इस लापरवाही के लिए सरकार ने अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का निर्णय लिया है। मामले पर इलैया राजा टी ने कहा, मुझे आरोप पत्र मिल गया है। अभी जवाब नहीं भेजा है।
Published on:
11 Apr 2018 12:42 pm
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