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चार्ली चैपलिन, गब्बर सिंह ने की वोट डालने की अपील

स्थापना दिवस पर इस बार दो दिनों तक होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम, रवीन्द्र भवन मुक्ताकाश मंच पर आज से शुरू होगा मध्यप्रदेश उत्सव      

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चार्ली चैपलिन, गब्बर सिंह ने की वोट डालने की अपील

भोपाल। दो दिवसीय मध्यप्रदेश उत्सव का शुभारम्भ गुरुवार शाम रवीन्द्र भवन के मुक्ताकाश मंच पर होने जा रहा है। देश-प्रदेश के नामी कलाकारों की भागीदारी के बीच इस बार यह समारोह लम्बे समय बाद पहली बार दो दिन आयोजित किया जा रहा है। दोनों दिन कार्यक्रम शाम साढ़े छ: बजे से शुरू होगा। संस्कृति विभाग अपनी गतिविधियों के माध्यम से 'जनपर्व' के रूप में मतदाता जागरुकता अभियान और मतदान के प्रति लोगों को जागरुक करने का कार्य भी कर रहा है। मप्र उत्सव में सहभागी होने वाले कलाकार इस बार अभियान का हिस्सा बने हैं, आयोजन में प्रवेश नि:शुल्क रहेगा।

शहर में घूमे गुजरात से आए बहुरुपिया कलाकार
इस बार के आयोजन का आकर्षण गुजरात के जाने माने बहुरुपिया कलाकार भी होंगे जो दोनों दिवस दर्शकों और श्रोताओं के बीच होंगे। आयोजन शुरू होने के एक दिन पहले बुधवार को चार्ली चैपलिन, जोकर, पुलिस, भिक्षुक और गब्बर सिंह बने बहुरुपिए शहर के विभिन्न स्थानों मंत्रालय, जनजातीय संग्रहालय, रवीन्द्र भवन, बोट क्लब, शाहपुरा तालाब और टॉप एंड टाऊन आदि जगहों पर आकर्षण का केन्द्र बने। उन्होंने पेम्फलेट और निमंत्रण पत्र बांटकर आमजन को मप्र उत्सव में आने का आग्रह किया।

पं. छन्नूलाल मिश्र को लाइव सुनने का मौका
समारोह के पहले दिन 1 नवम्बर को बनारस घराने के विख्यात गायक पद्मभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र एक लंबे समय बाद भोपाल में प्रस्तुति देंगे। उनकी प्रस्तुति के पहले परम्परागत रूप से सुहासिनी जोशी के मप्र गान के बाद दिल्ली के विख्यात बांसुरी व शहनाई वादक पं. राजेन्द्र प्रसन्ना का बांसुरी वादन होगा। इन कार्यक्रमों के पहले राज्य के पारम्परिक नृत्यों में ढिमरियाई, बधाई, नौरता, अखाड़ा, दुलदुल घोड़ी, काठी और ठाठ्या नृत्यों के भी प्रदर्शन होंगे।

लोकगायक मूरा लाला का गायन होगा खास

समारोह के दूसरे दिन 2 नवम्बर को शाम साढ़े छ: बजे से बरेदी, मटकी, गणगौर, गुदुमबाजा, बैगा परधौनी नृत्यों की प्रस्तुति के बाद ग्वालियर घराने के कलाकार कृष्णराव शंकर पण्डित की पौत्री मीता पण्डित उपशास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगी। इनकी प्रस्तुति के बाद गुजरात के विश्व ख्याति के लोकगायक मूरा लाला का गायन होगा। दोनों दिन कार्यक्रम की शुरूआत में बच्चों के लिए कठपुतली प्रदर्शन भी आयोजित किया जाएगा।