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Chhath Song: सुनिए, भाव-विभोर कर देगा स्मिता राजन का छठ गीत ‘हे छठी माता’

बिहार की रहने वाली स्मिता राजन ने भोपाल में पारंपरिक छठ गीतों को दी हैं अपनी आवाज

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भोपाल/ छठ पूजा की धूम पूरे देश में है। महापर्व छठ के मौके पर छठ गीतों की गूंज भी खूब सुनाई देती है। ऐसे में कई गायक और गायिका हैं, जिनके गीत छठ पूजा पर वायरल हैं। उन्हीं में से एक गायिका स्मिता राजन भी हैं। छठ पूजा के मौके पर स्मिता राजन लोगों के लिए हर बार कुछ नया गाती हैं। इस बार उन्होंने नया गीत गाया है। जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं। आप भी सुनिए।

गायिका स्मिता राजन गीत खुद ही लिखती हैं और आवाज भी खुद ही देती हैं। इस बार उन्होंने हे छठी माता गाया है। जिसमें लाइन हैं 'हे छठी माता, करब रउरी सेवा-करब रउरी सेवा'। स्मिता राजन बिहार की पारंपरिक छठ गीतों को गाती हैं। जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं। स्मिता राजन के मधुर आवाज में इनकी गीतों को सुनकर आप भाव-विभोर उठेंगे। इनकी गीतों को सुनने के बाद लगता है कि आप खुद छठी मैया की आराधना में लीन हो गए हैं।

गीत के साथ लिखी थीं पोस्ट
स्मिता राजन मूल रूप से बिहार की रहने वाली हैं। उनके पति अनुपम राजन मध्यप्रदेश सरकार में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं। इस गीत के साथ उन्होंने एक फेसबुक पर पोस्ट भी लिखी थीं। जिसमें उन्होंने लिखा है कि हम छोटे शहरों क़स्बों वाली लड़कियां जड़ों से कटने के बावजूद विस्थापित नहीं हो पाती हैं। मन वहीं कहीं जड़ों में अटका पड़ा होता है। नाल जो गड़ी होती है हमारी उन्हीं जड़ों के पास कि सिंचित होता रहे हमारा मन भी।

छठ बरत हो या शादी ब्याह ..उन्हीं जड़ों की तरफ़ वापस जुड़ जाने की हूक उठती है। खाना बनाते हम ..बिस्तर लगाते हम ..होमवर्क कराते हम ..मन बार-बार वहीं अझुराता है ..छठ के घाट पर ..सुपली दउरे के पास ..

दशकों पहले मां-मौसी, दादी और आजी से सुने गए पारंपरिक गीत अनायास हमारे कंठों से फूट पड़ते हैं। भरभराई आवाज़ और नम आंखों से हम गुनगुनाते रहते हैं। ठेकुआ अघरौटे गढ़ते रहते हैं मन में..ख़्यालों में सजाते रहते हैं सूप दउरा ..पीले रंग में डुबा कर उंगलियां अपनी ...रंगते रहते है अइपन सेंदुर ..भाई चाचाओं को आवाज़ लगाते हैं लगाने को ईख के गट्ठर में गांट ..छोटी बहन भतीजियों से करते हैं इसरार ..पकड़ने को फूलडलिया और पानी भरा लोटा ..मैं रउरा पूछी ला ..हे अादित बाबा सांझ भूल रउरा जाईं ला कहाँ ..टेर लगाते हम

बिहार में होता है इस महापर्व का भव्य आयोजन
मूल रूप से चार दिनों तक चलने वाले महापर्व छठ का आयोजन बिहार में ही होता है। बिहार के अलग-अलग हिस्सों में इस पर्व को अलग-अलग अंदाज में मनाया जाता है। साथ ही यूपी के पूर्वांचल वाले हिस्से में इसे बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। अब छठ सिर्फ बिहार तक ही सीमित नहीं है। छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है। दूसरे दिन खरना होता है। खरना के बाद अगले दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके साथ ही छठ महापर्व संपन्न हो जाता है। बल्कि देश के सभी प्रमुख शहरों में बिहार-यूपी के लोग इसे मानते हैं। ठीक वैसे ही भोपाल में रहने वाली स्मिता राजन ने अपनी भावनाओं को छठ गीत के जरिए व्यक्त की हैं।

औरंगाबाद की रहने वाली हैं स्मिता
स्मिता राजन पिछले कई वर्षों से भोपाल में रह रही हैं। वह बिहार के औरंगाबाद जिले की रहने वाली हैं। जहां बिहार का सबसे प्रसिद्ध देव सूर्य मंदिर स्थित है। ये पारंपरिक गीत स्मिता अपने मायके में ही सिखी हैं। हर साल परिवार से दूर भोपाल में रहने पर वह छठ पूजा के मौके पर इसे गुनगुनाती थीं। इस दौरान उनके दोस्तों ने कहा कि आप गाती ही हैं तो पेशेवर अंदाज में गाइए। उसके बाद स्मिता खुद ही गीत लिखती हैं और धुन भी देती हैं। इसे सोशल प्लेटफॉर्मों पर शेयर करती हैं। स्मिता के पारंपरिक गीतों को लोग खूब पसंद कर रहे हैं।