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मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को 6 महीने का एक्सटेंशन दे दिया गया है। जिसके बाद उनका कार्यकाल 30 नवंबर 2023 तक बढ़ गया है। बताया जाता है कि मप्र विधानसभा चुनाव जो कि नवंबर में प्रस्तावित है उसे देखते हुए बैस की सेवा अवधि छह माह बढ़ाने पर लगभग सभी स्तर पर सहमति बनी। ज्ञात हो कि इससे पहले वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह की भी सेवा वृद्धि की गई थी।
वहीं इस बार यानि 2023 में इकबाल सिंह बैस की सेवावृद्धि की अवधि 31 मई को समाप्त हो रही थी। इससे पहले नवंबर 2022 में बैंस के रिटायरमेंट की आयु हो चुकी है। ऐसे में उस समय भी उन्हें सेवानिवृत्ति के दिन ही छह माह की सेवावृद्धि दी गई थी। वहीं ये भी जानकारी दे दें कि उनके बैच यानि 1985 के सभी अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
यहां आपको बता दें कि देश में पहली बार आनंद विभाग का गठन भी इकबाल सिंह बैस की ही पहल पर हुआ था। कृषि, उद्यानिकी, ऊर्जा, विमानन, आबकारी आयुक्त, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य जैसे विभागों में काम कर चुके हैं। सीहोर, खंडवा, गुना और भोपाल कलेक्टर भी रहे हैं।
वहीं मंत्रालय सूत्रों के अनुसार जिस तरह से सरकार की योजनाओं को मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस चला रहे हैं, उससे उन्हें छह माह की सेवावृद्धि दिए जाने की पूरी संभावना थी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के साथ उनका अच्छा तालमेल भी है। यहां तक की कलेक्टरों के स्थानांतरण जो पिछले माह किए गए थे उसमें भी मुख्य सचिव बैस की पसंद को महत्व दिया गया था।
ज्ञात हो कि इससे पूर्व भी बैस का कार्यकाल नवंबर 2022 में 6 महीने के लिए बढ़ाया गया था। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस सीएम शिवराज सिंह की पसंद माने जाते हैं और चर्चा है कि नवंबर 2022 में उनके कार्यकाल के 6 महीने के लिए बढने के लिए यही एक बड़ा कारण था। सूत्र बताते हैं कि उस समय सीएम शिवराज सिंह चैहान ने केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से चर्चा कर इकबाल सिंह बैस के कार्यकाल को बढ़वाया है। सीएम शिवराज ने 9 नवंबर को केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इकबाल सिंह बैंस के कार्यकाल को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया था।
इसी के बाद इकबाल सिंह बैंस के रिटायरमेंट वाले कार्यकाल को बढ़ाने के संबंध में आदेश जारी किया गया था। अब ये बात अलग है कि शिवराज कैबिनेट में शामिल सिंधिया खेमे के मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया और सुरेश धाकड़ पहले ही ये बात स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि मुख्य सचिव उनके काम को तवज्जो नहीं देते हैं और उनके काम अटके हुए हैं लेकिन उसका असर दिखाई नहीं दिया।
वहीं अगर इकबाल सिंह बैस के कार्यकाल को बढ़ाए जाने के पीछे के मायने तलाशे जाएं तो कहा जा रहा है कि प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरकार किसी दूसरे अधिकारी को मुख्य सचिव पद पर बैठाना नहीं चाहती थी इसलिए इकबाल सिंह बैस फिर से सीएम शिवराज सिंह चैहान की पसंद बने।
नवंबर 2022 में इन नामों की थी चर्चा
नवंबर 2022 में इकबाल सिंह बैस का कार्यकाल 6 महीने बढ़ाने से पहले वह 1 दिसंबर को रिटायर होने वाले थे और भाजपा के खेमे से ही इस तरह की कोई चर्चा निकलकर सामने नहीं आई थी कि उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। कुछ और वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नाम पर चर्चाएं जरुर चल रही थीं जिनमें प्रमुख नाम अनुराग जैन का था जो वर्तमान में पीएमओ में कार्यरत हैं और पीएम मोदी के भरोसेमंद अधिकारियों में से एक हैं।
दूसरा नाम मोहम्मद सुलेमान का था लेकिन ये भी चर्चाएं थीं कि मुस्लिम चेहरा होने के कारण शायद उनके नाम पर संघ राजी न हो। तीसरा नाम अजय तिर्की का था जिन्हें भी संभावित उम्मीदवार माना जा रहा था वो वर्तमान में केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। चैथा नाम एसएन मिश्रा का भी आया था जो कि वर्तमान में मध्यप्रदेश नर्मदा विकास प्राधिकरण में हैं। पांचवा नाम सरकार के सबसे भरोसे मंद राजेश राजौरा का था। लेकिन इकबाल सिंह बैस के कार्यकाल को बढ़ाए जाने का आदेश आने के बाद अब इन सभी चर्चाओं पर विराम लग गया है।
Published on:
18 May 2023 05:03 pm
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