
चिकनपॉक्स व मम्स बीमारी से बच्चे हो रहे ग्रसित, फैल रहा वायरल
भोपाल. बीते सात दिनों में मौसम में कई बदलाव देखने में आए हैं। यह बदलाव कई तरह के वायरस को एक्टिव कर देते हैं। जो बड़ों में वायरल बुखार के साथ बच्चों में चिकनपॉक्स और मम्स (गलसुआ) जैसे रोगों का कारण बन रहे हैं। स्थिति यह है कि रोजाना सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में बच्चों में वायरस से होने वाले रोगों में 25 से 30 फीसदी की वृद्धि देखी गई है।
संक्रमित बच्चों से दूसरे बच्चों में फैलता है रोग
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पीयूष पंचरत्न ने बताया कि मम्स और चिकनपॉक्स दोनों वायरल रोग है। इम्यूनिटी कमजोर होने पर बच्चे इन संक्रामक बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। ये हवा में थूक के कण, छींक और गले से निकलने वाले संक्रामक एयरड्रॉपलेट््स की वजह से एक से दूसरे बच्चे में फैलता है। अभी जेपी अस्पताल में मम्स से पीडि़त चार बच्चों का इलाज चल रहा है।
चिकनपॉक्स से 7 से 10 दिन में हो रहे रिकवर
ड र्मेटोलॉजिस्ट डॉ. उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि चिकनपॉक्स के रोजाना दो से तीन बच्चे ओपीडी में आ रहे हैं। इस रोग के लक्षण दिखने पर डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। साथ ही संक्रमित बच्चों को अन्य से दूर रखने की जरूरत है। जिससे यह रोग फैले नहीं। रोगी के पास सफाई रखें, जिससे संक्रमण बढऩे न पाए। हालांकि इससे पीडि़त मरीज 7 से 10 दिन में रिकवर हो रहे हैं। यह इतना संक्रमक है कि हाल में इलाज करने वाले दो से तीन डॉक्टर भी इसकी चपेट में आ गए हैं।
मुख्य बिंदु
मम्स पैरामाइक्सो वायरस के कारण होता है।
चिकन पॉक्स वेरीसेला जोस्टर नामक वायरस के कारण फैलता है।
मम्स के लक्षण
गाल व जबड़े में सूजन व दर्द
बुखार, सिर व मसल्स में दर्द
थकान, भूख न लगना, ठंड
चिकनपॉक्स के लक्षण
शरीर में फफोले व लाल दाने
बुखार, उल्टी, सर्दी-जुकाम व कमजोरी
Published on:
09 Feb 2024 07:36 pm
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