अमृतलाल ने अपने बेटों को पायलट बनाने का सपना देखा और तीनों बेटों ने इसे सच भी कर दिखाया. मजदूरी करनेवाले अमृतलाल ने अपने सपने को पूरा करने के लिए खुद हाड़तोड़ मेहनत की. तीनों बेटों की पढ़ाई के लिए अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों तक से कर्ज लिया. आखिरकार उनका संघर्ष रंग लाया और उनके तीनों बेटे अजय सिंह, विजय सिंह और दीपक कुमार पायलट बन गए हैं.
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तीनों भाइयों का जन्म मुरैना में हुआ लेकिन ज्यादा कमाई करने के लिए अमृतलाल ग्वालियर आकर बस गए. यहां उन्होंने तीनों बेटों को केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाया. सन 2003 से 2012 तक वहीं तीनों बेटे यहीं पढ़े. बेटों के लिए उन्होंने एजुकेशन लोन भी लिया. पढ़ाई के बाद कॉमर्शियल पायलट बनने की ट्रेनिंग के लिए भी पैसों की कमी आड़े आने लगी थी.
इस पर उन्होंने केंद्र सरकार के दरवाजे भी खटखटाए. अंतत: उनके तीनों बेटों को केंद्र सरकार से स्कॉलरशिप मिल गई. एक के बाद एक उनके तीनों बेटे पायलट बनते गए और उनका सपना साकार होते गया. उनके बड़े बेटे कैप्टन अजय इस समय ड्रोन-एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी और सेम्युलेटर पर काम कर रहे हैं. कैप्टन अजय ने अपने घर में ही सेम्युलेटर तैयार किया है.