
भोपाल. घर के बेटे और बेटियां अपने माता पिता, दादा दादी, चाचा, चाची सहित वरिष्ठ परिजनों का चरण वंदन कर रहे थे, इस दौरान परिजन और बच्चे भी भाव विभोर हो रहे थे और उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक रहे थे। सम्मान के साथ घर के बड़े बच्चों को आशीर्वाद दे रहे थे और उन्हें गले लगा रहे थे।
मौका था नंदीश्वर जिनालय में जनक जननी सम्मान समारोह का। बच्चों को संस्कारों से जोड़ने और माता पिता और घर के बड़ों का सम्मान करने के लिए प्रेरित करने सोमवार को यह आयोजन किया गया। इस समारोह में 51 परिवारों ने भाग लिया। इस दौरान बेटा-बेटियों ने अपने माता पिता और घर परिवार के वरिष्ठ सदस्यों का सम्मान किया। इस कार्यक्रम का आयोजन चातुर्मास कर रहे आचार्य विनम्र सागर के सानिध्य में हुआ। इस मौके पर आचार्यश्री के शिष्य, मुनि, आर्यिका माता और ब्रह्मचारिणी दीदी द्वारा आचार्यश्री का पाद प्रक्षालन कर शास्त्र भेट किए गए। चातुर्मास समिति के अंशुल जैन ने बताया कि इस मौके पर बुजुर्गों के अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की गई।
आचार्यश्री बोले, माता पिता की सेवा से बड़ा सौभाग्य कोई नहीं
इस मौके पर भगवान महावीर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन और मंगलाचरण हुआ, साथ ही नवकार महामंत्र का वाचन किया गया। इस मौके पर आचार्य विनम्र सागर ने माता पिता की सेवा पर प्रकाश डाला। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही भगवान की भक्ति एक बार छोड़ देना लेकिन अपने माता पिता की सेवा का सौभाग्य कभी मत छोड़ना। इससे बड़ा दूसरा कोई सौभाग्य नहीं है। दुनिया में सब कुछ मिल जाएगा, लेकिन माता पिता कभी दोबारा नहीं मिलेंगे। इसलिए हमेशा माता पिता का सम्मान करे। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
Published on:
27 Aug 2024 12:08 pm
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