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सीएम कमलनाथ के भांजे और बहनोई पर अगस्ता वेस्टलैंड मामले में बड़ी कार्रवाई

locationभोपालPublished: Aug 11, 2019 08:11:02 pm

Submitted by:

Muneshwar Kumar

अगस्ता वेस्टलैंड केस में रतुल पुरी की संपत्ति को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अटैच किया है।

ratul puri
भोपाल. मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ( Kamal Nath ) के भांजे रतुल पुरी ( ratul puri ) और बहनोई दीपक पुरी पर आयकर विभाग ( Income-Tax Department ) ने अगस्ता वेस्टलैंड केस में बड़ी कार्रवाई की है। दोनों की कई संपत्तियों को आयकर विभाग ने अटैच किया है। दोनों अगस्ता वेस्टलैंड केस में जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मध्यप्रदेश में भी इनके ठिकानों पर छापे पड़े थे। कुछ दिन पहले ही दिल्ली के एक कोर्ट से रतुल पुरी के खिलाफ वारंट भी जारी हुआ था।
दरअसल, सीएम कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी से पिछले एक महीने से ईडी लगातार पूछताछ कर रही थी। अब उनकी संपत्ति को अटैच किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम के तहत व्यवसायी रतुल पुरी और दीपक पुरी की संपत्तियों को अटैच किया है। जिसमें एक दिल्ली के एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर स्थित रामा एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड है।
https://twitter.com/hashtag/AgustaWestland?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
 

मीडिया रिपोर्ट्स के अऩुसार रतुल पुरी और दीपक पुरी की कंपनी में 40 मिलियन के विदेशी निवेश को भी अटैच किया गया है। अब तक बेनामी निषेध ईकाई के पास 95 मिलियन की प्रॉपर्टी और 27-ए औरंगजेब रोड पर स्थित एक बंगला को अटैच किया गया है। दरअसल, रतुल पुरी अगस्तावेस्टलैंड सौदे में अपनी कंपनियों के माध्यम से कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोपों पर जांच के दायरे में हैं।
https://twitter.com/ANI/status/1160550199590293504?ref_src=twsrc%5Etfw
 

हालांकि पूर्व में रतुल इन कार्रवाई पर बोलते रहे हैं कि मैं राजनीति का शिकार हूं। मेरे मामा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। राजनीति से प्रेरित होकर जांच एजेंसियां मुझे जानबूझकर परेशान कर रही हैं।
अगस्ता-वेस्टलैंड डील में रतुल का नाम आया सामने
गौरतलब है कि अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ भारतीय वायुसेना ने 12 वीवीआईपी हेलि‍कॉप्टरों की खरीद के लिए करार किया था। 2010 में 3 हजार 600 करोड़ रुपए की डील हुई थी। इसमें 360 करोड़ रुपए के कमीशन का आरोप लगा था। हालांकि जनवरी 2014 में केंद्र सरकार ने इस करार को रद्द कर दिया था। इस डील में रतुल पुरी का नाम भी सामने आया था।
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