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बड़ा एक्शन… भोपाल में 90º ब्रिज बनाने वाले 2 चीफ इंजीनियर समेत 7 सस्पेंड, दो फर्म ब्लैक लिस्ट

Bhopal 90 Degree Bridge: राजधानी भोपाल के ऐशबाग में रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) को 90 डिग्री पर मोड़ने वाले पीडब्ल्यूडी के 8 इंजीनियरों पर कार्रवाई की गई। देश में तकनीकी गड़बड़ी का पहला अद्भुत नमूना पेश करने वाले 7 मौजूदा इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया गया।

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7 engineers suspended who built 90 degree bridge in Aishbagh Bhopal

7 engineers suspended who built 90 degree bridge in Aishbagh Bhopal (फोटो सोर्स : पत्रिका)

Bhopal 90 Degree Bridge: राजधानी भोपाल के ऐशबाग में रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) को 90 डिग्री पर मोड़ने वाले पीडब्ल्यूडी के 8 इंजीनियरों पर कार्रवाई की गई। देश में तकनीकी गड़बड़ी का पहला अद्भुत नमूना पेश करने वाले 7 मौजूदा इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं, एक रिटायर्ड इंजीनियर को भी कार्रवाई के दायरे में लिया है। इनमें दो चीफ इंजीनियर भी हैं। डिजाइन बनाने और निर्माण करने वाली दो फर्मों को सरकार ने ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इन इंजीनियरों और फर्मों ने ही आरओबी की डीपीआर बनाई। स्वीकृति दी और निर्माण भी कराया। आरओबी पर आवागमन शुरू होने से हादसे की आशंका थी। इससे पहले ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव(CM Mohan Yadav) ने जांच कराई। रिपोर्ट में गड़बड़ी पाए जाने के बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।

इसी आधार पर शनिवार देर रात कार्रवाई की गई। सीएम ने ‘एक्स’ पर भी कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, आरओबी में जरूरी सुधार के लिए कमेटी बनाई है। सुधार के बाद ही इसका लोकार्पण होगा। सीएम ने अफसरों से कहा, रेलवे बोर्ड से संपर्क कर मोड़ वाले हिस्से की डिजाइन में बदलाव के लिए प्रस्ताव बनाएं। जरूरत पड़े तो फिर से निर्माण कराएं।

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शासन भी नहीं था सहमत, इंजीनियरों ने समझाया

  • 2017 में आरओबी के निर्माण को मंजूरी
  • 2018 में ब्रिज डिजाइन को प्रशासनिक सहमति, शासन सहमत नहीं था
  • 2021 में भूमिपूजन, इंजीनियरों ने डिजाइन पर शासन को समझा लिया
  • 2023 में मार्च में 18 करोड़ से ब्रिज का निर्माण शुरू

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आरोप…ये 4 अफसर जिन्होंने रेलवे से सहमति लिए बिना 16 दिसंबर 2021 को जनरल अरेजमेंट ड्रॉइंग का अनुमोदन किया।

  • एमपी सिंह, रिटायर्ड प्रभारी अधीक्षण यंत्री: डिजाइन का अनुमोदन किया था। मुख्य अभियंता लोक निर्माण सेतु मंडल कार्यालय में पदस्थ थे।
  • शानुल सक्सेना, सहायक यंत्री (डिजाइन)मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी सेतु परिक्षेत्र भोपाल में पदस्थ हैं। डिजाइन फाइनल करने के दौरान यहीं पदस्थ थीं।
  • संजय खांडे, प्रभारी चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी रीवा परिक्षेत्र में पदस्थ हैं। तब प्रभारी मुख्य अभियंता लोनिवि सेतु परिक्षेत्र भोपाल में तैनात थे।
  • शबाना रज्जाक, प्रभारी कार्यपालन यंत्री( डिजाइन): डिजाइन फाइनल करने के दौरान पदस्थ थीं।

ये चार इंजीनियर इसलिए निलंबित

आरोप...रेलवे(Bhopal 90 Degree Bridge) की बिना सहमति काम कराया। भोपाल रेल मंडल व पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर जोन के गड़बड़ी बताने पर भी सुधार नहीं किया।

  • जावेद शकील, प्रभारी अधीक्षण यंत्री: मुख्य अभियंता लोनिवि परिक्षेत्र भोपाल में पदस्थ हैं। उस समय प्रभारी कार्यपालन यंत्री थे।
  • उमाशंकर मिश्रा, अधीक्षण यंत्री: पीडब्ल्यूडी भोपाल मंडल क्रमांक-१ में पदस्थ हें। तब सेतु संभाग में उपयंत्री थे।
  • रवि शुक्ला, अधीक्षण यंत्री: अभी पीडब्ल्यूडी भोपाल मंडल क्रमांक-१ में पदस्थ हैं। तब प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी लोनिवि भोपाल मंडल-१ में पदस्थ थे।
  • जीपी वर्मा, प्रभारी मुख्य अभियंता: लोनिवि सेतु परिक्षेत्र भोपाल में पदस्थ हैं। तब भी यहीं इसी पद पर थें।

आगे क्या?

● जिन इंजीनियरों को निलंबित किया, उनके आरोप-पत्र जारी।

● आरओबी के लिए सीनियर लेवल के वे अफसर भी जिम्मेदार हैं, जिनके निर्देशन में काम हुआ। उन पर भी कार्रवाई होगी।

● अफसरों व फर्मों ने सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाया। उनसे वसूली भी की जाएगी।