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मध्यप्रदेश में पाँच ड्रोन स्कूल खोले जायेंगे

ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल में मध्यप्रदेश को अग्रणी बनायेंगे – मुख्यमंत्रीमुख्यमंत्री चौहान ग्वालियर ड्रोन मेला में शामिल हुएविकास और जन-कल्याण के क्षेत्र में करेंगे ड्रोन तकनीक का उपयोगड्रोन तकनीक का उपयोग निरंतर किया जाएगा

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Youth asked for proof of CM Shivraj Singh corona vaccine

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हरदा जिला में लोगों को अचल संपत्ति का अधिकार ड्रोन तकनीक के माध्यम से मिला
प्रदेश में ड्रोन के उपयोग से नई ऊँचाइयाँ छूने का प्रयास किया जाएगा
मध्यप्रदेश में रोजगार वृद्धि में ड्रोन तकनीक उपयोगी सिद्ध होगी

भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विकास एवं कल्याण के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर मध्यप्रदेश को अग्रणी राज्य बनायेंगे। ड्रोन एक ऐसी क्रांतिकारी तकनीक है जिसका उपयोग जन-कल्याण एवं सुशासन में किया जा सकता है। मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को ग्वालियर में “ड्रोन मेला” में मौजूद युवाओं और किसानों को संबोधित कर रहे थे। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कार्यक्रम में मौजूद थे।

ग्वालियर के माधव प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (एमआईटीएस) में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहल पर प्रदेश के पहले ड्रोन मेले का आयोजन किया गया। मेले में लगभग 20 कंपनियों ने अपने ड्रोन का प्रदर्शन किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मेले ग्वालियर की प्राचीन परंपरा हैं, पर ग्वालियर में आज ड्रोन मेले के रूप में अद्भुत मेला लगा है। यह ड्रोन मेला एक मेला भर नहीं, जनता की जिंदगी बदलने का अभियान है। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल खेतों में उर्वरक तथा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने में किया जा सकता है। इससे किसान हानिकारक रसायनों के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं। यह तकनीक खर्चीली भी कम है। ड्रोन तकनीक से 25 प्रतिशत तक खाद की बचत होती है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हाल ही में मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में आई बाढ़ के दौरान ड्रोन तकनीक काफी मददगार साबित हुई है। बचाव कार्य ड्रोन के जरिए चलाए गए। विदिशा जिले के गंजबासौदा में कुआँ धसक जाने की घटना में बचाव कार्य में ड्रोन का उपयोग हुआ। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संचालित स्वामित्व योजना में भी ड्रोन तकनीक महती भूमिका निभा रही है। इस योजना में हरदा जिले में शत-प्रतिशत ग्रामीण लोगों को स्वामित्व का अधिकार दिलाया गया है। प्रदेश में वर्तमान में स्वामित्व योजना के तहत 35 ड्रोन काम कर रहे हैं। ड्रोन तकनीक से दवाएँ और आपातकालीन राहत आसानी से दुर्गम स्थलों तक पहुँचाई जा सकती हैं। इसी तरह बगैर आदमी के सीमाओं की सुरक्षा की जा सकती है। इस तरह कहा जा सकता है कि ड्रोन तकनीक लोगों के जीवन में संजीवनी की तरह काम कर रही है। रोजगार वृद्धि में ड्रोन तकनीक उपयोगी सिद्ध होगी।

ड्रोन मेला में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वैभवशाली, गौरवशाली, समृद्ध और सम्पन्न भारत का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि खुशी की बात है कि मध्यप्रदेश के निवासी होने के नाते केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का मध्यप्रदेश के विकास में विशेष सहयोग मिल रहा है। सभी के सहयोग से हम मध्यप्रदेश को नई ऊँचाइयों तक ले जायेंगे।

ड्रोन तकनीक किसानों के लिये क्रांतिकारी – केन्द्रीय मंत्री तोमर

केन्द्रीय किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि उच्च तकनीक और मजबूत अर्थ-व्यवस्था के साथ श्रेष्ठ भारत के निर्माण की सोच के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार काम कर रही है। इसी कड़ी में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक किसानों के लिये क्रांतिकारी साबित हो रही है। उन्होंने पिछले साल टिड्डी दल के आक्रमण का हवाला देते हुए कहा कि ड्रोन तकनीक से इस पर सफलतापूर्वक काबू पाया गया। स्वामित्व योजना भी इसी तकनीक की बदौलत सफल रही है। कृषि के क्षेत्र में मानव सुरक्षा, उर्वरक बचत और कृषि उत्पादन बढ़ाने में ड्रोन तकनीक विशेष लाभकारी रही है।

रोजगार के नए अवसर सृजन करेगी ड्रोन तकनीक – केन्द्रीय मंत्री सिंधिया

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ड्रोन मेला ग्वालियर के लिये एक ऐतिहासिक दिन है। इसके माध्यम से हम नई क्रांति के साक्षी बने हैं। उन्होंने कहा कि आगे आने वाले समय में ड्रोन तकनीक से विश्व की अर्थ-व्यवस्था और जीवन में बड़े बदलाव आयेंगे। खुशी की बात है कि ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल में मध्यप्रदेश देश का अव्वल राज्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कि ऐसी तकनीक हो जो जन-जन की जिंदगी में बदलाव लाए। प्रधानमंत्री की इसी मंशा के अनुरूप ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है। सिंधिया ने कहा कि रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य हर क्षेत्र में ड्रोन तकनीक क्रांतिकारी साबित हो रही है। यह तकनीक गरीबी को समृद्धि में तब्दील करने का साधन बनी है। साथ ही युवाओं के लिये विकास के नए अवसर लेकर आई है। सिंधिया ने कहा कि आगे आने वाले समय में ड्रोन तकनीक से 3 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिये नियमों को आसान बनाया गया है। पहले जहाँ कंपनियों को 25 फार्म भरने पड़ते थे, वह संख्या घटाकर पाँच कर दी गई है। लायसेंस की प्रक्रिया और पंजीकरण में स्पष्टता बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि सुलभ और सरल ड्रोन की प्रतिबद्धता के साथ सरकार काम कर रही है।

मध्यप्रदेश में पाँच ड्रोन स्कूल खोले जायेंगे

केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने घोषणा की कि मध्यप्रदेश में पाँच ड्रोन स्कूल ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सतना में खुलेंगे। इन स्कूलों के जरिए ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे युवाओं को रोजगार मिले। साथ ही ड्रोन तकनीक का भी विकास और आत्म-निर्भरता में भरपूर इस्तेमाल हो। उन्होंने ग्वालियर के एमआईटीएस में ड्रोन एक्सीलेंसी सेंटर खोलने की बात भी कही। इसके लिये एक कंपनी के साथ एमओयू भी साइन किया गया है। ड्रोन मेले में अन्य कंपनियों ने भी एमओयू किए हैं।