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– नियाज ने ब्राम्हण को बेहतर बताया, तो शैलबाला ने पूछा आधार क्या है, शैलबाला

-- ब्राम्हण पर मुस्लिम व ईसाई आईएएस में मदभेद

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Patrika Opinion: बदलना चाहिए मौत की सजा का तरीका

Patrika Opinion: बदलना चाहिए मौत की सजा का तरीका


भोपाल। ब्राम्हणों के दूसरे वर्गों से बेहतर होने के मुद्दे पर मुस्लिम आईएएस नियाज खान और इसाई आईएएस शैलबाला मार्टिन में मतभेद उभरे हैं। नियाज ने ब्राम्हण द ग्रेट किताब लिखकर ब्राम्हणों को सर्वोच्च बताया, तो शैलबाला ने पूछ लिया कि इसका आधार क्या है। उन्होंने लिखा कि बिना आधार ये भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। वहीं शैलबाला ने फेसबुक पोस्ट में इसाई समाज में गड़बडिय़ों पर निशाना साधा है। उन्होंने लंबी पोस्ट लिखी है, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। इसमें शैलबाला ने इसाईयों से जागने का आव्हान कर पूर्व बिपश के यहां छापों का हवाला देकर लिखा कि यीशु मसीह के नाम पर कुछ लोग अपनी अपनी दुकानें चला रहे हैं। इनके लिये धर्म धंधे का माध्यम मात्र बन गया है। सफेद चोगा पहन कर जमीनों की खरीद फ्रोख्त में आकंठ डूबे ये धर्माध्यक्ष वास्तव में धर्म को लज्जित करने में लगे हैं। अभी इनमें से चंद रंगे सियार ही कानून के शिकंजे में आये हैं लेकिन कई अभी खुले घूम रहे हैं। ईसाई समाज के नाम पर चांदी काट रहे इन धंधेबाज धर्म प्रचारकों को समय रहते पहचानिये और आगे आइए वर्ना ये लोग समाज और समाज की संपत्तियों को घुन की तरह चाट जाएंगे।